महायुद्धों से पृथ्वी होगी तहस-नहस, नहीं बचेगा जीवन
दुनियां में मंडराने लगा अन्न, जल और वायु का संकट।

जीवन बचाने के लिए लगाएं पौधे, वृक्षों के महत्व को जाने और करें संरक्षित।

उझानी। शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में चल रहे प्रखर बाल संस्कारशाला के कैंप कार्यालय पर ‘अपना पर्यावरण‘ कार्यक्रम का आयोजन हुआ। फूलों की सुंदर रंगोली सजाई गई। पर्यावरण शुद्ध बनाने और बचाने को लेकर बच्चों ने अपने जन्मदिवसोत्सव, राष्ट्रीय पर्वों, उत्सवों पर पौधे लगाने का संकल्प लिया।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि ‘‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः‘‘ पृथ्वी हमारी माता है और हम सब उसके पुत्र हैं। वह हमें अन्न, जल, वायु सब कुछ प्रदान करती है। उन्होंने कहा महायुद्धों से मनुष्य, प्राणी जगत, जल, जंगल, जमीन का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। परमाणु बम, मिसाइलें धरती के सीने को चीर रहीं हैं। प्राकृतिक संपदाएं तहस-नहस हो रही हैं। दुनियां भर में भोजन, जल और वायु का संकट मंडराने लगा है। पृथ्वी मां नहीं बचेगी, तो हम सब भी नहीं बचेंगे। मानवनिर्मित प्रकृति की तबाही को रोकना ही होगा।

मृत्युंजय शर्मा ने कहा कि धरती के अस्तित्व को बचाने के लिए पौधे लगाएं, पुराने वृक्षों को संरक्षित करें और उनकी महत्वता को जानें। वृक्षों से ही सर्वसुलभ और अनमोल आॅक्सीजन बिना मोल मिलती है। जिसके बिना जीवन संभव नहीं।
बच्चों ने सुंदर फूलों की रंगोली सजाई। विभिन्न औषधीय पौधों की जानकारी ली। वृक्षों के उपकारों को जाना और अपने जन्मदिवसोत्सव, राष्ट्रीय पर्वों, उत्सवों पर पौधे लगाकर धरती को सजाने का संकल्प भी लिया। इस मौके पर हंशिका सिंह, अनाया, अनुज, मोनू, हेमन्त, अंजली, अंशुल, रौनक, शिवम, अंश, आयुषी आदि मौजूद रहीं।

रिपोर्टर – निर्दोष शर्मा