बदायूं। पालतु पशुओं को अब अगर रास्ते के बीच में बांधा गया तो पशुपालक के खिलाफ फौजदारी अपराध दर्ज किया जाएगा. बीच रास्ते पर पशुओं को छोड़ देने या अपने पशुओं को रास्ते पर बांधने की स्थिति में यातायात प्रभावित होना स्वाभाविक ही है! सिर्फ भंडारा ही नहीं थाना बिनावर के गांव सेमरमई में भी बीच रास्ते पर पशुओं को बांधने की बात सामने आती है! रास्ते पर भ्रमण करने वाले या बीच रास्ते पर पशुओं को बांधने के कारण यातायात तो प्रभावित होता ही है, दुर्घटनाओं की आशंका से इंकार भी नहीं किया जा सकता. यातायात प्रभावित होने तथा बढ़ती दुर्घटनाओं की वजह से रास्तो पर पशुओं को बांधे जाने या उनके घूमने पर रोक लगाने के बारे में की जाने की वाली जनता की अपील को ध्य़ान में रखते हुए अब ग्राम पंचायत की ओर से रास्ते पर अपने पशु बांधने वाले पशुपालकों के खिलाफ फौजदारी अपराध दर्ज किया जाएगा।

सरकार ने करोड़ों रूपए खर्च करके ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों के लिए सीमेंट के रोड़ का निर्माण किया है! लेकिन इन सीमेंट के मार्ग पर वाहनों की आवाजाही के साथ-साथ पशुओं का भी डेरा रहता है. रास्तों के बीचोंबीच गायों का झूंड, कभी- कभी भैंस, का भी समूह भी दिख जाता है! पशुपालक अपने पशुओं को बीच रास्ते में बांध देते हैं, लेकिन वे इस बात की ओर ध्यान नहीं देते कि उनके पसुओ के कारण यातायात तो प्रभावित नहीं हो रहा. कई बार तो रास्तों पर यह स्थिति देखने को मिलती है कि रास्ते पर वाहन चालकों से ज्यादा पशुओं का झुंड दिखायी देता है!
वाहन चालकों को रास्ते पर पशुओं के बंधने की स्थिति में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है! इस सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ग्राम पंचायत की ओर से सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया गया है!
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधिकांश पशुपालक घर में जगह होने के बावजूद अपने पशुओं को बीच रास्ते पर बांध देते हैं, इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से उक्त आदेश जारी किए गए हैं।

रिपोर्टर – अफाक गद्दी