गाय की कमर और सींग की हड्डी बुरी तरह टूट चुकी थी। मौके पर पशु चिकित्सक विवेक माहेश्वरी को बुलाया, उन्होंने गाय के 3 इंजेक्शन लगाए। वहां गुजरती नगर पालिका अध्यक्षा दीपमाला गोयल ने भीड़ को देख अपनी गाड़ी रोकी। उन्होंने गाय की स्थिति को देख मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से संपर्क करना चाहा, संपर्क न होने पर उन्होंने पशु चिकित्साधिकारी से गाय के उचित उपचार के लिए कहा और उसे सुरक्षित जगह ले जाने को भी बोला, परंतु दीपमाला गोयल के वहां से जाने के बाद पशु चिकित्साधिकारी गाय को वही पड़ा छोड़कर चले गए। ग्राम कुरऊ निवासी एडवोकेट विनय कुमार पटेल ने गाय को अपने घर रख लिया और उसका उपचार कराने का आश्वासन दिया। पशु पालन विभाग की इस लापरवाही से ना जाने कितनी जाने जा चुकी हैं फिर भी अभी भी आला अधिकारियों की आंखे अभी भी बंद हैं। निराश्रित गौवंशो के उपचार में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी मूक बने हुए हैं कभी भी फोन नहीं उठाते। उनकी ये लापरवाही की कीमत गौवंशो को अपनी जान देके चुकानी पड़ती हैं।
रिपोर्टर – भगवान दास