कुंवर गांव। लापरवाह अध्यापकों की बजह से शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है । वहीं सरकार लगातार शिक्षा के स्तर को आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं । जिसको विद्यालय के अध्यापक इसको पलीता लगाने में जुटे हुए हैं ।

कायाकल्प का काम शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कागजों में भले ही पूरा हो चुका हो लेकिन जमीनी स्तर पर सब शून्य है । विद्यालयों में बेशुमार गंदगी फैली हुई है । पेशाब घर गन्दे पड़े हुए हैं और कुछ में ताले लटके हुए हैं ।

ऐसा ही मामला सलारपुर ब्लाक क्षेत्र के गांव हरहरपुर प्राथमिक विद्यालय का सामने आया है जहां एक प्रधानाध्यापिका ,दो शिक्षामित्र व एक साहायक अध्यापक सहित चार लोगों का स्टाफ है ।

मामला शुक्रवार का है जहां सुबह 9 बजे तक विद्यालय का कोई स्टाफ विद्यालय नहीं पहुंचा रसोईया विद्यालय का ताला खोलकर बच्चों को ईंटों के चूल्हे पर खाना बना रही थी ।जिसके बाद शिक्षामित्र आशु विद्यालय में 9:3 मिनट पर पहुंची और शिक्षामित्र महेंद्र 9:20 मिनट पर विद्यालय में उपस्थित हुए । जबकि विद्यालय खुलने का समय सुबह 7:30 बजे का है । जिसकी शिकायत ग्राम प्रधान ने जब बीएसए महेंद्र प्रताप से फोन द्वारा की ।

जहां बीएसए के आदेश पर खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने विद्यालय का निरीक्षण किया तो बिना सूचना के प्रधानाध्यापिका सुनीता शर्मा व एक शिक्षामित्र अनुपस्थिति मिले। जहां खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार ने गैर हाजिर मिले अध्यापकों को स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जारी करते हुए ज़बाब मांगा है ।

1- विद्यालय में फैली गंदगी –

हरहरपुर विद्यालय में बेशुमार गंदगी फैली हुई है बड़ी- बड़ी घास खड़ी हुई है आंगनबाड़ी केंद्र का फर्श टूटा हुआ है आंगनवाड़ी का कहना है फर्श टूटे होने की बजह से बच्चों को कीड़े मकोड़े ,कांकरोच निकलने का डर बना रहता है बारिश के समय में कमरे में पानी भर जाता है । गांव का पानी दीवार तोड़कर विद्यालय में जा रहा है जिससे विद्यालय में बड़ी -बड़ी घास जमी हुई खड़ी है ।

2- कायाकल्प शून्य –

हरहरपुर विद्यालय में कायाकल्प को लेकर सब कुछ शून्य है विद्यालय में आज तक न तो इंटरलाकिंग कराई गई है और न पानी की कोई व्यवस्था है हैंडवाश टूटे पड़े हैं बालक शौचालय में हमेशा ताला लगा रहता है बालिका शौचालय खंडहर में तब्दील हो चुका है जो आज तक कभी चालू ही नहीं हुआ बच्चे पेशाब को विद्यालय के पीछे या खेतों में जाते हैं ।

3- ईंटों के चूल्हे पर बनता है विद्यालय में खाना –

हरहरपुर विद्यालय में बच्चों के लिए एमडीएम का खाना ईंटों के चूल्हे पर बनता है जबकि विद्यालय में सिलेंडर से खाना बनाने की सुविधा उपलब्ध है । सिलेंडर चूल्हा एक कोने में शोपीस बना हुआ रखा है । रसोईया के पूछने पर बताया गया कि चूल्हा एक साल से खराब पड़ा है जिसे आजतक ठीक नहीं कराया गया । जबकि एमडीएम की सारी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होती है ।

इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार शर्मा का कहना है कि प्रधान द्वारा विद्यालय की शिकायत मिली थी मौके पर पहुंच कर निरीक्षक किया जहां प्रधानाध्यापिका सहित दो अध्यापक अनुपस्थिति मिले हैं जिनके खिलाफ स्पष्टीकरण का नोटिस जारी किया जा रहा है जिनके खिलाफ जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

रिपोर्टर – तेजेन्द्र सागर