गाजियाबाद। दरअसल मामला किंगवुड कोर्ट क्रॉसिंग रिपब्लिक ग़ाज़ियाबाद का है जहां पर बिल्डर ने सी.आइ पी.एल से ढाई सौ किलोवाट बिजली आवंटित करवाई है और अपने उपभोक्ताओं को लगभग 600 किलोवाट बिजली बेच दी !

उपभोक्ता फोरम के नियमों के अनुसार जो चीज आपके पास है ही नहीं उसको बेचा ही नहीं जा सकता! ऐसे में निवासी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं ! और हर साल गर्मियों में उन्हें यही चिंता सताती है।

कि यदि 132 परिवारों ने डेढ़ टन का एक ऐसी चला दिया तो सोसाइटी की मेन लाइन कट जाएगी 1 किलोवाट बिजली को बिल्डर ने लगभग ₹20000 में बेचा इस हिसाब से 600 किलोवाट बिजली लगभग एक करोड़ बीस लाख रुपए की बनती है! साथ ही साथ इस अतिरिक्त बेची गई बिजली पर लगभग 2 साल फिक्स चार्ज भी वसूला गया सोसाइटी में ए.ओ. ए को कॉमन एरिया मेंटेनेंस हैंड ओवर किया गया उस समय पर बिल्डर ने लिखित में वायदा किया था ।

कि जब भी एसोसिएशन डिमांड करेगी तब बिल्डर् बिजली को अपने खर्चे पर प्रोवाइड करेगा इस दिशा में बिल्डर द्वारा संतोषजनक कार्य न किया जाने पर निवासियों में गुस्सा है सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष डॉ आवनीश गुप्ता के साथ-साथ अन्य निवासियों ने मौजूदा ए.ओ.ए अधिकारियों से उपर्युक्त विषय में उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज कराने को कई बार कहा है लेकिन इस विषय में मौजूदा एसोसिएशन ने कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं की अंततः आम निवासियों ने इसका बीड़ा उठाया है।