प्रधानाध्यापक ने विद्यालय में मर्यादा को किया तार तार

ग्रामीण बोले नहीं चाहिए ऐसा अध्यापक

कुंवरगांव। सालारपुर विकास क्षेत्र के गांव असिर्स में संविलियन विद्यालय में प्रधानाध्यापक और अनुदेशक के बीच मानदेय को लेकर मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां अनुदेशक विपिन राठौर ने बताया कि हमारा तीन हजार रुपए प्रशिक्षण का मानदेय था जिसके लिए हमने जब प्रधानाध्यापक से कहा तो प्रधानाध्यापक ने कहा कि अभी खाते पर रोक लगी हुई हम अभी भुगतान नहीं करेगें ।और इसी बात को लेकर विवाद बढ़ गया । जहां अनुदेशक विपिन पटेल ने यह भी आरोप लगाया है कि विद्यालय में एमडीएम का खाना भी मीनू के हिसाब से नहीं बनता है और न ही बच्चों के फल व दूध वितरण किए जाता है।जहां बच्चों ने एक वीडियो में बताया है एक साल से विद्यालय में फल व दूध वितरण नहीं हुआ है । जहां गुरुवार को आपसी विवाद का मामला एक बार फिर गरमा गया जहां प्रधानध्यापक राजीव राठौर ने मर्यादा को तार तार करते हुए विद्यालय पहुंचे अनुदेशक से आफिस कक्ष में मारपीट कर दी। अन्य अध्यापकों ने बीच बचाव कर मामला शांत कराया।खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार शर्मा के द्वारा एक पत्र के माध्यम से कहा गया है।

24 फरवरी के लिए एक वीडियो प्राप्त हुआ जिसमें छात्र-छात्राओं के द्वारा अवगत कराया गया हैं कि सिविलियन विद्यालय आसिर्स में दूध फल का वितरण कभी नहीं किया गया जो कि शासनादेशों का उल्लंघन है जिसमें प्रधानाध्यापक अनुपस्थित पाए गए हैं जिसका तत्काल स्पष्टीकरण दें अन्यथा विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।जिसकी सूचना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के लिए दे दी गई।

जिसकी जांच करने गुरुवार को विद्यालय पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने प्रधानाध्यापक राजीव राठौर को लताड़ लगाई और कार्यवाही करने को कहा । जहां गांव के हरेंद्र यादव ने बताया कि विपिन सर जब से आये हैं तब से स्कूल में व्यवस्था ठीक है लेकिन फल वितरण नहीं हो रहा है।


विशाल यादव-का कहना है कि मई-जून से पहले हमारे चाचा ग्राम प्रधान थे तब फल दूध वितरण होता था और हम बच्चों को रोज देखने आते थे दूध फल मिला है या नहीं उसके बाद से फल वितरण नहीं हो रहा है।
ग्राम प्रधान हिमानी उपाध्याय के ससुर जवाहर लाल उपाध्याय ने बताया कि हमारा मिड डे मील में कोई हस्तक्षेप नहीं है ।बच्चों के साथ कोई खिलवाड़ न करें बच्चों के हित में खर्च करें मीनू के हिसाब से मिड डे मील बने और ज्यादा से ज्यादा बच्चों के लिए इसका लाभ मिले।
स्कूल के छात्र छात्राओं ने बताया कि हमें पांच महीने से दूध व फल का वितरण नहीं किया गया है।अध्यापक साढ़े नौ बजे आते हैं और प्रधानाध्यापक दस बजे आते हैं। और बच्चों ने यह भी बताया कि प्रधानाध्यापक कभी कभी स्कूल आते हैं ।

रिपोर्टर – तेजेन्द्र सागर