पीले वस्त्र को धारण करके वसंत पंचमी आई है।

भारतीय हिंदीसेवी पंचायत के तत्वावधान में विधि आश्रम शिवपुरम बदायूं में बंसत पंचमी के शुभ अवसर पर काव्य गोष्ठी और सरस्वती पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया |


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्यवस्था सुधार मिशन के जनक हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट रहे, अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार अहमद अमजदी ने की |
सरस्वती वंदना अजीत सुभाषित ने प्रस्तुत की |
कार्यक्रम में राजवीर सिंह तरंग ने पढ़ा…..

लोगों से दूर हो मेरे सभी बखान
मां ब्रह्माणी मां शारदे देना यह वरदान

अजीत सुभाषित ने पढ़ा….

तम की गलियों से निकल आलोक पद पर आ गया
शारदे मां की कृपा से ज्ञान गागर पा गया

ओजस्वी कवि षटवदन शंखधार ने कहा ….

माता शारदे की वंदना करें हम सब
घर -आंगन को हम सब मिल बुहार दें

शैलेंद्र देव मिश्रा ने कहा…..

मां शारदे दया कर एक गीत में बना लूं
ले नाम आज तेरा मैं कंठ को सजा लूं

हर्षवर्धन ने कहा…..

ज्ञान की है देवी मां मैं तुझको पुकार रहा
अपनी कृपा से माता मुझको तू तार दे

अहमद अमजदी ने कहा….
सब पर अपना रंग चढ़ा है सब पर मस्ती छाई है
पीले वस्त्र को धारण करके बसंत पंचमी आई है

कार्यक्रम में प्रदीप दुबे , रामगोपाल यादव ,अचिन मासूम , विष्णु असावा
आकाश पाठक, आदि सबने काव्य पाठ किया|
संचालन षटवदन शंखधार बदायूं ने किया |