शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 को लेकर कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में जैसे ही प्रियंका गांधी ने महिला उम्मीदवारों की घोषणा की तो शाहजहाँपुर 135 नगर विधानसभा से पूनम पांडेय का नाम प्रकाश में आया हैरत की बात यह है पूनम पांडेय को राजनीति और चुनाव लड़ने का कोई इतिहास नहीं है।बल्कि यह कांग्रेस की प्रत्याशी आशा कार्यकर्ता हैं। तो वही 21 साल सपा में बिताने के बाद 2 महीने पहले कांग्रेस में शामिल हुए अंशू पांडेय तो कांग्रेस ने नगर विधानसभा से टिकट नही दिया जिससे आहत होकर अंशू पांडेय ने इस्तीफा देकर कांग्रेस को अलविदा कह दिया और निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की आपको बता दें आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय अपना मानदेय बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। इसी वजह से पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर वह चर्चा में हैं। पूनम पांडेय शाहजहांपुर स्थित नई बस्ती रेती की रहने वाली हैं। पूनम पांडेय एक आशा बहू हैं। हर आशा बहू की तरह पूनम पांडेय ने भी कोरोना काल में अपना योगदान दिया है।
अभी हाल ही में ऑल इंडिया आशा बहू कार्यकत्री कल्याण सेवा समिति की जिलाध्यक्ष कमलजीत कौर ने सीएम को मांगपत्र देने के बारे में प्रशासन को सूचित कर दिया था। लेकिन जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शाहजहांपुर आए और आशा वर्कर ने अपनी मांगपत्र देने के लिए आगे आईं तो यूपी पुलिस द्वारा इनको रोका गया। कथित तौर पर यूपी पुलिस ने आशा बहुओं को सीएम योगी से मिलने से रोका और उनके साथ हिंसक व्यवहार किया। पुलिस ने आशा वर्कर की पिटाई की, जिसमें सबसे अधिक गंभीर रूप से पूनम पांडेय ही घायल हुई थीं। पूनम को वहां मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पिटा। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उसके बाद पूनम पांडेय प्रियंका वाड्रा से मिली थी यही से शुरू हुआ पूनम पांडेय का राजनैतिक कैरियर तो वही कांग्रेस जिला अध्यक्ष रजनीश गुप्ता ने कहा कि पूनम पांडेय एक जुझारू महिला है जब पुलिस इन पर लाठियां चला रही थी तब इन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया उन्होंने यह भी कहा प्रियंका वाड्रा महिलाओ को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है।

रिपोर्टर – राहुल अवस्थी