कानून मन्त्री वजेश पाठक को पत्र सौपते दातागंज नगर पालिका अध्यक्ष आकाश वर्मा उर्फ शानू भईया ने।

दातागंज। बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं का धरना एवं हड़ताल शनिवार को 33 वें दिन भी जारी रही वार वेलफेयर ऐसे एसोसिएशन दातागंज के समस्त अधिवक्तागण हड़ताल के साथ धरने पर वैठे रहे उन्होंने मुंसिफ न्यायालय की स्थापना तक सघर्ष जारी रखने का ऐलान किया है वहीं दातागंज नगर पालिका के अध्यक्ष आकाश वर्मा ने सोमवार को लखनऊ में कानून मंत्री ब्रजेश पाठक से मुलाकात की तथा दातागंज में मुन्सिफ न्यायालय की शीघ्र स्थापना कराने हेतु पत्र भी सौपा इससे प्रतीत होनें लगा है कि दातागंज के जन प्रतिनिधि भी मुन्सिफ न्यायालय की स्थापना हेतु सक्रियता दिखाने लगे हैं वैसे भी दातागंज में अधिवक्ताओं की मांग को जायज ठहराते हुए दातागंज से भाजपा विधायक राजीव कुमार सिंह उर्फ वब्बू भईया सहित सपा जिलाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक प्रेमपाल सिंह यादव वसपा घोषित प्रत्याशी राचित गुप्ता भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष व्रजकिशोर यादव सहित तमाम समाज सेवी सस्थाओं ने धरना स्थल पर पहुंचकर सहमती जता चुके है उसके वाद भी प्रशासनिक अधिकारी देरी कर क्षेत्रीय वादकारियों एंव अधिवक्ताओं का सबर का बांध तोड़ने को विवश कर रहे हैं।

मो० रऊफ अन्सारी ने कहा कि दातागंज वार बेलफेयर एसोसियेशन के समस्त अधिवक्तागण मुन्सिफ न्यायालय की मांग करते हुए सोमवार को एक माह तीन दिन हो गया लेकिन प्रसाशन ने आज तक कोई सुध नहीं ली है जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रसासनिक अधिकारी तहसील के वादकारियों के अन्याय करने में जुटे है अधिवक्तागणों का कहना था कि दातागंज में मुन्सिफ न्यायालय स्थापित नहीं हो जाता है तब तक हड़ताल धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। दातागंज के अधिवक्तागण क्षेत्रीय बादकारियों को सस्ता एवं सुलभ न्याय दिलाने हेतु हड़ताल एवं धरना कर रहे हैं लेकिन कुछ अधिकारियों के निष्क्रियता के कारण दातागंज में पीठासीन अधिकारी की तैनाती नहीं हो पा रही है। जवकि दातागंज में वर्ष 2008 से मुंसिफ न्यायालय स्वीकृत है वार ने अपने निजी धन से पुराने उपजिलाधिकारी न्यायालय की मरम्मत एंव रंग रोगन एंव फर्नीचर की व्यवस्था कराके मुन्सिफ न्यायालय एक वर्ष पूर्व बनवा दिया जो एक वर्ष से तैनाती की राह देख रहा है। दातागंज वार वेलफेयर एसोसियसयन के अधिवक्ताओं ने एक सुर में कहा कि जब तक मुन्सिफ न्यायालय स्थापित नहीं हो जाता तब तक उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, नायव तहसीलदार न्यायालय मे कोई कार्य नहीं करेगें और सयुक्त रूप से धरना, प्रदर्शन करते रहेगें। प्रसासन की उदासीनता के कारण मुंसिफ कोर्ट वर्ष 2008 से स्वीकृत है उसके बाद भी आज तक मुंसिफ कोर्ट की ना तो स्थापना हो पाई है और ना ही पीठासीन अधिकारी को नियुक्त किया गया  धरने में जाने आलम, आराम सिंह यादव, नरेन्द पाल सिंह, राजेन्द्र सिंह राठौर, दिनेश वाबू सक्सेना, चन्द्र पाल सिंह यादव, धर्मेन्द्र पाल सिंह, मदन वाबू सक्सेना, जसवीर सिंह, विनोद कुमार सिंह, सत्य प्रकाश गुप्ता, डीपी सिंह, अली मोहम्मद आदि अधिवक्ता धरना स्थल पर मौजूद रहे।

रिपोटर – राजेन्द्र कुमार