यूपी के गाजीपुर जिले में पानी के बोरिंग के चलते गांव में भूस्खलन शुरू हो गया है. जमीन धंसनी शुरू हो गई है और घरों में दरारें पड़ने लगी हैं. भूस्खलन की वजह से यहां के 7 परिवार प्रभावित हैं और सभी लोगों ने प्राइमरी स्कूल की शरण ले रखी है.

गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पानी के लिए की जाने वाली बोरिंग लोगों के लिए जानलेवा साबित होती नजर आ रही है. एक दो नहीं बल्कि सात परिवार इसका दंश झेल रहे हैं. पानी के बोरिंग के चलते यहां के गांव में भूस्खलन शुरू हो गया है. जिसकी वजह से जमीन धंसनी शुरू हो गई है और घरों में दरारें पड़ने लगी हैं. इलाके में भय का माहौल बन गया है. एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने परिवार के सभी लोगों को प्राइमरी स्कूल में शिफ्ट कर दिया है.

दीवारों और जमीन पर दरार पड़ गई
गाजीपुर के कासिमाबाद तहसील के शेखनपुर ग्राम सभा में भूस्खलन की वजह से बड़ा गड्ढा बन गया है. भूस्खलन की वजह से यहां के 7 परिवार प्रभावित हैं और सभी लोगों ने प्राइमरी स्कूल की शरण ले रखी है. पीड़ितों ने बताया कि करीब 11 दिन पहले इनके घर के पास एक छोटा सा गड्ढा बना, जिसे लोगों ने अनदेखा कर दिया. उसी रात को सोने के बाद जब ये लोग उठे तो पहले इन लोगों की निगाह अपने घरों पर गई जहां दीवारों और जमीन पर दरार पड़ गई थी.

मौके पर पहुंचे अधिकारी
पहले तो लोगों को कुछ समझ नहीं आया लेकिन जब लोग घरों से बाहर आए तो छोटा सा होल एक बड़े गड्ढे में तब्दील हो गया था. इसके बाद गड्ढा धीरे-धीरे बढ़ने लगा. जिसके बाद इन लोगों ने इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को दी. प्रशासनिक अधिकारी, उपजिलाधिकारी और जिला अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया.

बच्चों की पढ़ाई हो रही है प्रभावित
इसके बाद सभी को सुरक्षा की दृष्टि से पास के प्राइमरी स्कूल में शिफ्ट करा दिया गया. जहां पर ये सभी लोग स्कूल के दो कमरों में रहने को मजबूर हैं. इसमें रहने वालों में कई छात्र-छात्राएं हैं जिनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. कई लोग ठंड का शिकार भी हो चुके हैं. लोगों ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से मात्र अलाव और 2 दिन पहले 10 किलो राशन की व्यवस्था की गई थी.

लोगों ने की लापरवाही
वहीं, जब इस मामले पर जिला अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वो खुद इस गांव का निरीक्षण करने गए थे. जिसके बाद उन्होंने भू-संरक्षण विभाग और भूगर्भ विभाग को इसकी जानकारी के लिए भेजा था. इन दोनों विभागों ने 2 दिनों तक पूरी जांच पड़ताल की और उन्होंने जो रिपोर्ट सौंपी है उसके अनुसार यहां पर करीब 25 से ऊपर पानी की बोरिंग काफी पास-पास की गई हैं. लोगों ने बोरिंग में पैसा बचाने के नीयत से जाली नहीं डलवाई जिसकी वजह से भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है.