महराजगंज : शहीदों की चिता पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का बस यही बाकी निशां होगा।  इन पंक्तियों को सुनते ही सीआरपीएफ के शहीद जवान पंकज त्रिपाठी की शहादत से सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले में फरेंदा थाना क्षेत्र के हरपुर बेलहिया निवासी सीआरपीएफ जवान पंकज त्रिपाठी शहीद हो गए थे। उनकी शहादत को पूरा दो वर्ष हो चुका है। शहीद को याद कर परिवार और गांव के लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। तो आंखों की नमीं उनके बिछड़ने का अहसास भी कराती हैं।
———- गम में हर किसी की आंखें हो गई थी नम
महाराजगंज जिले के लाल  पंकज त्रिपाठी की शहीद होने की सूचना जैसे ही जिले में पहुंची  चारों तरफ शोक की लहर दौड़ गई थी। पंकज त्रिपाठी का पार्थिव शरीर सेना की गाड़ी से उनके पैतृक गांव  हरपुर बेलहिया लाया गया। जहां तिरंगे में लिपटे शहीद को देखने और अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग जुटे थे। हर आंख नम थी हर आंख में आंसू थे, लेकिन गुस्सा भी था। लोग खून का बदला खून चाहते थे। उस कायराना आतंकी हमले के बाद चारों तरफ निंदा की जा रही थी। लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई
की भी मांग किया। जिस पर भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था।
———–  गांव में शहीद स्थल का हुआ है निर्माण
गांव हरपुर में शहीद स्थल का निर्माण कराया गया है जिसमें अमर शहीद पंकज त्रिपाठी की मूर्ति स्थापित की गई है वहीं प्राथमिक विद्यालय को भी पंकज त्रिपाठी का नाम दिया गया है। शहीद के घर की तरफ जाने वाला रास्ता भी शहीद मार्ग नाम से जाना जाता है।
—–  आतंकियों ने किया था कायराना हमला
14 फरवरी दोपहर करीब साढे़ तीन बजे के जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर आंतकियों ने विस्फोटक भरी कार से सीआरपीएफ काफिले की बस को टक्कर मार दी थी। धमाका इतना भयंकर था कि बस के परखच्चे उड़ गए। इसके बाद घात लगाए आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग भी की थी।
—– मुख्यमंत्री ने घर पहुंच कर दी थी श्रद्धांजलि

योगी आदित्य नाथ ने शहीद पंकज त्रिपाठी के घर पहुंचकर परिजनों को ढाढस बधायां था और शहीद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने शहीद पंकज त्रिपाठी के पुत्र प्रतीक के सर पर हाथ रख परिजनों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था।