CRPF jawans arrived as brothers at the wedding of martyr’s sister
बीते सोमवार को सीआरपीएफ के शहीद जवान शैलेंद्र प्रताप सिंह की बहन ज्योति सिंह का विवाह समारोह था. समारोह चल ही रहा था कि अचानक एक दर्जन से अधिक सीआरपीएफ के जवान वहां पहुंच गए और बहन की शादी में एक भाई के फर्ज को बखूबी निभाया. इतना ही नहीं एक स्थानीय होटल में हुए विवाह समारोह में घर के देहरी से मंडप तक सीआरपीएफ के जवानों ने बहन को अपने साये में पहुंचाया. भाई के उन सभी फर्जों व रस्मों रिवाजों को निभाते हुए जिसने भी देखा सभी की आंखें नम हो गई. वर-वधू पक्ष से आए हुए सभी लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. बहन को ले जाते हुए सीआरपीएफ के जवानों का एक वीडियो वायरल हुआ जो सैनिक फिल्म की याद दिलाता है जिसमें एक शहीद भाई के ना रहने पर उनके मित्रों ने बहन के लिए एक भाई का फर्ज निभाया.
बता दें कि बीते साल 5 अक्टूबर को सीआरपीएफ के जवान शैलेन्द्र प्रताप सिंह जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए थे. जिसके बाद सीआरपीएफ के जवान शहीद शैलेंद्र प्रताप का पार्थिव शरीर लेकर उनके निवास रायबरेली पहुंचे थे. करुण क्रंदन देखकर सीआरपीएफ के जवानों ने पूरे परिवार को अपना परिवार कहा था और प्रतिज्ञा ली थी कि वह शैलेंद्र प्रताप की कमी को कभी भी महसूस नहीं होने देंगे. यही कारण था कि जब शैलेंद्र की शादी की सूचना मिली तो जवान छुट्टी लेकर एक भाई का फर्ज निभाने यहां पहुंच गए. वहीं जवानों ने रायबरेली पहुंचकर न सिर्फ भाई का फर्ज निभाया बल्कि पिता को आश्वस्त किया कि उनके सैकड़ों बेटे उनके हर सुख दुख में खड़े मिलेंगे.
बता दे स्थानीय होटल में हुए विवाह समारोह में घर के देहरी से मंडप तक सीआरपीएफ के जवानों ने बहन को अपने साये में पहुंचाया. भाई के उन सभी फर्जों व रस्मों रिवाजों को निभाते हुए जिसने भी देखा सभी की आंखें नम हो गई. वर-वधू पक्ष से आए हुए सभी लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. बहन को ले जाते हुए सीआरपीएफ के जवानों का एक वीडियो वायरल हुआ जो सैनिक फिल्म की याद दिलाता है जिसमें एक शहीद भाई के ना रहने पर उनके मित्रों ने बहन के लिए एक भाई का फर्ज निभाया.
बता दें कि बीते साल 5 अक्टूबर को सीआरपीएफ के जवान शैलेन्द्र प्रताप सिंह जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए थे. जिसके बाद सीआरपीएफ के जवान शहीद शैलेंद्र प्रताप का पार्थिव शरीर लेकर उनके निवास रायबरेली पहुंचे थे. करुण क्रंदन देखकर सीआरपीएफ के जवानों ने पूरे परिवार को अपना परिवार कहा था और प्रतिज्ञा ली थी कि वह शैलेंद्र प्रताप की कमी को कभी भी महसूस नहीं होने देंगे. यही कारण था कि जब शैलेंद्र की शादी की सूचना मिली तो जवान छुट्टी लेकर एक भाई का फर्ज निभाने यहां पहुंच गए. वहीं जवानों ने रायबरेली पहुंचकर न सिर्फ भाई का फर्ज निभाया बल्कि पिता को आश्वस्त किया कि उनके सैकड़ों बेटे उनके हर सुख दुख में खड़े मिलेंगे.