बदायूँ। सरकार ने राजकीय पशु चिकित्सालय ब्लॉक और जिला स्तर पर खोले हैं जिससे पशुओं को हो रही परेशानी का इलाज किसान अपने नजदीकी राजकीय पशु चिकित्सा केंद्र पर करा सके ऐसा ही एक मामला कादरचौक ब्लाक के राजकीय पशु चिकित्सालय कादरचौक का है जहां पशु चिकित्सक
डॉक्टर अमित कुमार सक्सेना तैनात है। जिसमें किसान अपनी भैंस की परेशानी बताता है डॉ अमित कुमार सक्सेना ने किसान की बात को सुना और किसान को भैंस के लिए अपने ही चेंबर से दवाइयां भी दी वही उस किसान से डॉ अमित कुमार सक्सेना ने दबाओ रूपए लेने का वीडियो सामने आया है डॉक्टर खुद पैसे बता कर कादर चौक पर तैनात वैक्सीनेटर राजेंद्र को रुपए देने के लिए कहते हुए नजर आ रहे हैं।और राजेंद्र के हाथ में रुपए दिलवा दिए किसान राजकीय पशु चिकित्सालय मे पशु को लेकर इसलिए जाता है की किसान को मुफ्त में दवाएं मिल सके मंगर सरकारी डॉक्टर अपनी प्राइवेट बिजनेस के तौर पर अपनी जेब भर रहे हैं ऐसे ही डॉक्टर सरकार के नियमों का जमकर पलीता लगा रहे हैं।
हमारे संवाददाता द्वारा फोन पर डॉक्टर अमित सक्सेना से बात करने पर उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल की दवा नहीं थी वह दवा हमारे वैक्सीनेटर मेडिकल से मंगवा कर इमरजेंसी के लिए रख लेते हैं और उसका चार्ज लिया जाता है अस्पताल का चार्ज तो सरकारी फीस मात्र ₹10 ही है जब इस संबंध में ज्यादा डॉक्टर से कहा गया कि प्राइवेट दवा को सरकारी अस्पताल में रखने का अधिकार ही नहीं है तो उन्होंने बाइक पर चलने का बहाना बनाकर फोन काट दिया।
रिपोटर – निर्दोष शर्मा