लखनऊ : पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर रोटेशन की प्रक्रिया सभी जिलों में बरकरार रखने के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर के बाद अब आरक्षण तय किए जाने की प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है। 17 मार्च तक आरक्षण की स्थिति तय करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए शासन गुरुवार को आरक्षण की नीति जारी कर देगा। इसके अलावा शुक्रवार को जिला पंचायतों के आरक्षण भी तय होने की उम्मीद जताई जा रही है।कोरोना संक्रमण की वजह से तय समय पर पंचायत चुनाव नहीं कराए जा सके थे। अब जबकि संक्रमण की स्थिति सामान्य हो रही है तो पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं। चुनाव करवाने की पहली प्रक्रिया के तहत पंचायतों का परिसीमन होना था। यह प्रक्रिया पूरी हो गई है। परिसीमन की सूची राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपी जा चुकी है। जहां वर्ष 2015 में 59,074 ग्राम पंचायतें थीं, वहीं इस बार इनकी संख्या घटकर 58,194 रह गई है। इसी तरह से क्षेत्र व जिला पंचायतों की संख्या में भी कमी आई है। अब इस प्रक्रिया के बाद ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के आरक्षण तय किए जाने थे। शासन से जिला पंचायतों के आरक्षण तय किए जाते हैं। जबकि क्षेत्र व जिला पंचायतों का आरक्षण जिले से अनंतिम तौर पर जारी किया जाता है । जानकारी के मुताबिक कैबिनेट द्वारा आरक्षण के संबंध में 11वें संशोधन प्रस्ताव को दी गई मंजूरी के बाद अब आरक्षण की नीति तैयार की जा रही है। इसे गुरुवार को जारी कर दिया जाएगा। इसके अलावा उसी नीति के मुताबिक जिला पंचायतों का आरक्षण भी शुक्रवार तक तय कर लिया जाएगा। इसे जारी करने के बाद आपत्तियां मांगी जाएंगी और उन आपत्तियों के निपटारे के बाद इन्हें फाइनल किया जाएगा।एक महीने में जिलों को तय करना होगा आरक्षण-शासन के सूत्रों के मुताबिक शनिवार से ही जिलों में आरक्षण नीति के मुताबिक क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायतों के आरक्षण  तय किए जाना शुरू कर दिए जाएंगे। इसके बाद इन्हें अनंतिम तौर पर प्रकाशित करके जनता से आपत्तियां मांगी जाएंगी। आपत्तियों के बाद इन्हें फाइनल किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में एक महीने का वक्त लग जाएगा, जिसके बाद अधिसूचना जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है।

By Monika