बदायूं। रूहेलखंड के मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में लगा तंबुओं का शहर उजड़ता जा रहा है। श्रद्धालु अपने घरों के लिए रवाना हो रहे हैं। वहीं समीपवर्ती गांवों के श्रद्धालु सुबह को मेले में पहुंच रहे हैं। मेले में दिनभर खरीददारी करने के बाद शाम को अपने घरों को चले जाते हैं।
श्रद्धालु गंगा में श्रद्धा और आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। गंगा को प्रसाद चढ़ाकर नमन वंदन कर रहे हैं। इसके बाद ग्रामीण अंचलों से आने वाले श्रद्धा मेले में खरीददारी कर रहे है। मीना बाजार, कपड़ों, खेल खिलौनों, बर्तनों, बक्सों और लाठी और हलवाईयों की दुकानें से लगी हैं। सुबह शाम चाट पकौडी वाले बेचने वाले अपना सामान समेट रहे हैं। मार्गों में धूल के अंबार उठ रहे हैं।
मेले में दुकानदारों का दिन में ही बिक पा रहा हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग घरेलू सामान के अलावा बच्चों के खेल खिलौने, मां गंगा का प्रसाद रखीद कर ले जा रहे हैं। मेले के पूर्वी और पश्चिम क्षेत्रों के तंबुओं उखाड़ लिया गया है। दूर दूर तक फैला तंबुओं का शहर मैदान में तब्दील हो रहा है।
भारत की जीवन रेखा है, मां गंगा की निर्मलधारा: संजीव
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने मां गंगा को नमन वंदन किया। जीवनदायिनी मां से लोकमंगल की कामना की। उन्होंने कहा कि मां गंगा की निर्मलधारा भारत की जीवन रेखा है। मां गंगा जल भारतभूमि को सींचता है।
दिवंगतात्माओं को मुक्ति मिलती है। मानव में देवत्व उदय और सद्गति प्रदान करता है। मछलियों को ऑटे की गोली, खीलें, मिष्ठान खिलाने के साथ मां गंगा की आरती की, नमन वंदन किया। इस मौके पर दीप्ति शर्मा, हेमंत आदि मौजूद रहे।
रिपोर्टर – निर्दोष शर्मा