यूपी के महराजगंज जिले के परसामलिक थाना क्षेत्र के महदेइया गांव में कारण माई मंदिर के पुजारी व महिला पुजारी की हत्या से क्षेत्र में दहशत है। दोनों की हत्या के कारणों की तहकीकात में पुलिस जुटी है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले रोहिन बैराज में पुजारी की जमीन निकली थी। उसके मुआवजे के रूप में 14 लाख रुपये मिले थे।

महदेइयां गांव के रामरतन मिश्र (74) की शादी नहीं हुई थी। वह तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। वह गांव में मंदिर बनवाकर पूजा-पाठ करते थे। मंदिर में करीब 20 साल से नेपाल के ढकधइयां चेनपुरवा गांव की कलावती (66) भी पूजा करती थी। इन दोनों का गांव के लोग सम्मान करते थे। वाराणसी से कुछ दिन पहले हनुमान जी की मूर्ति लाकर स्थापित कराया था और भंडारे का आयोजन किया था। एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि मामले में अज्ञात के खिलाफ हत्या की धारा के तहत केस दर्ज कर पुलिस टीम जांच में लगी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है।

उच्चधिकारियों ने घटना स्थल का लिया जायजा
महदेइयां गांव में दो पुजारियों की हत्या की सूचना पर एडीजी अखिल कुमार और डीआईजी जे रविंद्र मौके पर पहुंचे। एसपी प्रदीप गुप्ता भी टीम के साथ मौके पर मौजूद रहे। एडीजी ने मामले में त्वरित कार्रवाई के अलावा जल्द से जल्द पर्दाफाश करने का निर्देश दिया।

भतीजे ने सबसे पहले देखा शव
पुजारी रामरतन मिश्र के भतीजे गया मिश्रा ने शुक्रवार की सुबह सबसे पहले मंदिर परिसर में शव को देखा। उन्होंने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर कुछ लोगों को कथा सुनानी थी। इस वजह से सुबह जल्दी मंदिर पहुंचा तो देखा कि दोनों के खून से लथपथ शव पड़े थे।

पुजारी रामरतन मिश्र एवं कलावती देवी की हत्या की गुत्थी सुलझाने में पुलिस जुटी है। मौके पर खून से सना डंडा और रॉड मिली है। पत्थर की छोटी छोटी मूर्तियों पर खून के छींटे थे। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि घटना का अंजाम देने वालों ने डंडा व राड के अलावा पत्थर की छोटी मूर्तियों से मारपीट कर लहूलुहान कर दिया। मंदिर परिसर में दो जगहों पर खून के छींटे भी  दिखे। अंदाजा लगाया जा रहा है कि हत्यारों से बचने के लिए दोनों ने पुरजोर कोशिश की।

बॉक्स का ताला टूटा मिला
मंदिर परिसर में बने कमरे में रखे बॉक्स का ताला भी टूटा मिला। उसमें रखे कुछ सामान बिखरे पडे़ थे। ताला टूटने से अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्यारों ने उसमें रखा कोई कीमती सामान ले लिया होगा।

बृहस्पतिवार को बैंक गए थे रामरतन
गांव के लोगों ने अनुसार, बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे रामरतन मिश्र बैंक ऑफ बड़ौदा रतनपुर में जरूरी काम से गए थे। मुआवजे में मिलने वाली रकम इसी बैंक में जमा होने की बात कही जा रही है। बैंक से आने के बाद वह प्रत्येक दिन की तरह मंदिर में पूजा-पाठ में जुट गए। शुक्रवार की सुबह उनका शव मिला। पुलिस इस बात की जानकारी लेने बैंक पहुंची लेकिन छुट्टी होने के कारण जानकारी नहीं मिल सकी। वह बैंक से रकम निकाले थे या नहीं, इसके बारे में पड़ताल की जा रही है।  
पति की मौत के बाद 20 साल पहले मंदिर में आई थी कलावती
नेपाल के ढकधइयां चेनपुरवा गांव कलावती करीब 20 साल पहले मंदिर में आई थीं। पति की मौत के बाद वह मोह-माया का परित्याग कर साधु बनकर मंदिर में पूजा-पाठ करने लगीं। कलावती के पति पियारे की 20 साल पहले मौत हो गई थी। इनके तीन बेटे सिरेंद्र, वीरेंद्र और विनोद हैं। घटना की सूचना मिलने के बाद तीनों मंदिर पहुंचे। मां का शव देखकर फफक पड़े।