बदायूं। श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। श्रद्धालु अपने निजी वाहनों, ट्रेक्टर-ट्राली, टैंपो, कार, मोटरसाइकिलों और पैदल के अलावा रोडबेज बसों से श्रद्धा और आस्था के केंद्र मेला ककोड़ा धाम पहुंच रहे हैं।मेला ककोड़ा में तंबू और डेरों रह रहे। श्रद्धालु ब्रह्ममुहुर्त में ही हर-हर महादेव, जय गंगा मईया की के जयघोष के साथ स्नान कर रहे हैं। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद उगते हुए सूर्यभगवान को अघ्र्यदान दिया। सभी के उज्ज्वल भविष्य और लोकमंगल की कामना की श्रद्धालुओं ने अपने बोलेवदे संकल्प पूरे होने पर देवकन्याओं को दही-जलेबी, पूड़ी-सब्जी का भोजन कराकर दान दक्षिणा दी। गरीब असहाय लोगों को वस्त्र, चावल, दाल और अन्य वस्तुएं भेंट कीं। श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर देवी-देवताओं, अपने पूर्वजों के नाम की भगत बजबाकर उनके सम्मान में श्रद्धा सुमन अर्पित किए। अपने घर, गांव और राष्ट्र की खुशहाली की कामना की ।गंगा तट पर प्रसादों की दुकानें लग गईं हैं। श्रद्धालु स्नान, ध्यान के बाद बतासे, इलायची दाना, बूंदी के लड्डू, पेड़े, गुड़ व अन्य मिष्ठानों को मां गंगा के लिए अर्पित कर, दुग्ध का अघ्र्यदान कर रहे हैं। मंचलों, उठाईगीरों, चोर-उच्चकों को सबक सिखाने के लिए मेले में पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है। गंगा तट, मुख्य द्वारों, मुख्य मार्गों,

बरेली एरिया, कुर्मियान एरिया, माननीयों, प्रशासनिक अधिकारियों, वाॅच टावरों से निगरानी रखी जाएगी। इसके अलावा मेले में आने वाले रोडों पर भी पुलिस बल तैनात रहेगा। जिनके विभिन्न स्थानों पर 19 चैकियों को बनाया गया है। श्रद्धालु की सुरक्षा और जीवन रक्षा के लिए पीएसी के जवानों की तैनाती की गई है। गंगा किनारे पीएसी के जवानों के टेंटों को लगाया गया है। गंगा की धारा में पीएसी की ओर से नावें दौड़ती रहेंगी, निगरानी रखती रहेंगी। मेले को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए मुख्य मार्गों पर मूत्रालय, कूड़ेदान बनें है। मेले में बच्चों

और युवाओं के मनोरंजन के लिए बाम्बे सर्कस, जागदूर के खेल दिखाने के लिए तैयारियां हो चुकीं हैं।मेले में झूले भी तैयार हो चुके हैं। मौत का कुंआ, नाव, चांद तारा, जंपिंग, मिक्की माउस, ब्रेक डांस, ड्रेगन आदि झूलों को आनंद ले सकेंगे। मौत का कुंआ भी बनकर तैयार हो चुना है।मेले में नेताओं के फिलैक्स की भरमार दिख रही है। मेले में गंगा तटों, मुख्य मार्गों पर विभिन्न पर्टियों के नेताओं के शुभकामना संदेश की फिलैक्स लग गईं हैं। गरीब मजदूरों को रोजगार मिला।

आसपास के किसान मेले में पोआल, लकड़ी छड़ें, उपले, चूल्हे, गन्ने, दूध व अन्य उपयोगी सामान बेच रहे हैं। अस्थाई अस्पताल बनाया गया है। बैड की भी व्यवस्था की गई है। मेले में मरीज अपना पंजीकरण कराकर दबाईयां ले रहें हैं। मेले में खेल खिलौनों, मीना बाजार से गया है। परचून और सब्जियों की दुकानें भी लग गई हैं। मेले में जलेबी, खजला । इसके साथ मुख्य द्वार पर सोफ्टी दुकानें लगी चुकीं है। गंगा तट पर श्रद्धालु नौका बिहार का आनंद ले रहे हैं।

रिपोर्ट – निर्दोष शर्मा