Badaun: Patients are facing problems, CMS has made the district hospital in bad condition
जिला अस्पताल में सीएमएस की मेहरबानी के चलते ऑडियोलॉजिस्ट अपनी सीट पर नही मिलती हैं सप्ताह में एक दिन ही उनका आना होता है।वो भी समय से ओपीडी में उपस्थित नहीं होती । ओपीडी का आलम यह है कि दूर दूर से आने वाले मरीज घंटो इंतजार करने के बाद अपने गांव वापस लौट जाते हैं। ऑडियोमेट्री टेस्ट कराने वाले मरीज काफी संख्या में प्रतिदिन ओपीडी के कमरा नं 14 में ऑडियोमेट्री कराने पहुंच रहे हैं ।जहां ऑडियोलॉजिस्ट के न मिलने से परेशान होकर मरीज अपने घर वापस लौट जाते हैं।
1- एक दो वर्ष की बच्ची काव्या जिसकी मां पैदा होते हैं दुनिया से चल बसी थीं।वह अपनी ताई सीमा गुप्ता के साथ कानों की ऑडियोमेट्री कराने आई थीं मगर वह ऑडियोलॉजिस्ट का घंटो इंतजार करती रही। लेकिन उन्हें ऑडियोलॉजिस्ट नहीं मिली ।
2-चंद्र कली खजुरी उसावां का कहना हम काफी दूर से आते हैं लेकिन ऑडियोलॉजिस्ट के न मिलने से हमारी कानों की आवाज चेक नही हो पा रही हैं।
3- सालारपुर ब्लाक के गांव शिकारापुर के रामपाल ने बताया कि हमारे कानों में कम सुनाई देता है ।हमे अपने कानों के लिए दिखना हैं मगर क्या करें रोज आते हैं लेकिन ऑडियोलॉजिस्ट नहीं मिलती हैं तो घर वापस लौट जाते हैं।
4 – शहर के सर्राफा बाजार से आये गौरव ने कहा कि हम अपनी बहिन की कानों की ध्वनि चेक करने आये थे काफी देर से बैठें हैं ऑडियोलॉजिस्ट मिलती ही नहीं हैं।
ऐसे कई मरीज हैं जो किराया खर्च कर काफी दूरी तय करके आते हैं जब ऑडियोलॉजिस्ट नहीं मिली तो मरीज मजबूरन अपने गांव वापस लौट जाते हैं ।यही नहीं ऑडियोमेट्री कराने वाले दस पंद्रह मरीज प्रतिदिन इंतजार करके अपने घर वापस लौट जाते हैं।जहां ऑडियोलॉजिस्ट सप्ताह में सोमवार को ही आती हैं लेकिन बहुत देर से आती हैं। यह बात किसी से छुपी नहीं हैं जिला अस्पताल प्रशासन भलीभांति जानता हैं जिला अस्पताल के अधिकारियों की क्या मजबूरी है।मगर ऐसे लापरवाह लोगों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती हैं।जिला अस्पताल के अधिकारी मौन धारण किए बैठे हैं।
इस संबंध में सीएमएस डॉ विजय बहादुर का कहना कि अस्पताल में स्टाफ कम है ऑडियोलॉजिस्ट को हमने दो तीन काम सौंप रखे वह उन्हें निपटाती है ।वह कोरोना वार्ड में फीडिंग का कार्य भी देखती हैं ।
रिपोर्ट तेजेंद्र सागर