बदायूं l ब्रह्ममुहूर्त की बेला में पावनी मां गंगा की निर्मल धारा में स्नान कर रहे हैं। श्रद्धालुओं के स्नान,ध्यान पूजा, दान-पुण्य और सूर्यभगवान को अर्घ्यदान का सिलसिला शुरु हो गया है श्रद्धालु अपने बच्चों के संस्कार और कन्याओं को भोज कराने में जुटे हैं। मिले में उठाईगीरों, चोरों और मनचलों पर पैनी नजर रखने के लिए वॉच टावर लगाए गए हैं। इन वाच टावरों लगाए गए हैं। मेले में किसानों को खेती और शिक्षा के पति जागरुकता के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विशेष प्रदर्शनी लगाई जाएगी। मेले में श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए मेले के पूर्वी और पश्चिमी घाट को तैयार कर दिया गया है। श्रद्धालु हर हर गंगे के जय घोष के साथ स्नान कर रहे हैं। मेले में महिला प्रसाधन, खेल खिलौने, बर्तनों, ढोलकों मजरे, जलेबी खजले, पानी पूरी, मूंगफली के ठेले, पेठे और इलायची की दुकानें मेले के निर्धारित स्थानों के अलावा मुख्य मार्ग के बीच में लगाई गई हैं। श्रद्धालु आते-जाते समय भी खरीदारी कर सकेंगे। बच्चों के मनोरंजन के लिए मेले में बड़े झूले, चांद तारा, ब्रेकडांस, मिक्की माउस, जंपिंग, नाव आदि झूले लग चुके हैं। मेले में उद्घाटन से पूर्व दोनों मुख्य द्वारों को तैयार किया जा रहा है। मजदूर मुख्य द्वारों को बनाने में जुटे हैं। मेले के गंगा किनारे पूर्व की ओर माननीय के टेंट लग चुके हैं। धर्मेंद्र कश्यप, बीएल वर्मा, महेश चंद्र गुप्ता, संघमित्रा मौर्य, राजीव कुमार गुप्ता, जयपाल सिंह व्यस्त, पं. राधा कृष्ण शर्मा, कुशाग्र सागर, दीपमाला गोयल, ओंकार सिंह यादव। मेले में शासनिक, प्रशासनिक अधिकारियों के भी टेंट लग चुके हैं। मेले में पहुंचने वाले मार्ग को तैयार किया गया था। जिसके आवागमन से मुख्य मार्ग दुरुस्त हो गया। इसके बाद मेले से आने वाला मार्ग बनाया गया था। जिसमें वाहन आते- जाते जल्दी बनें मार्ग में फंसे रहे हैं। श्रद्धालु जैसे-तैसे बड़ी मशक्कत के बाद अपने वाहनों को निकाल पा रहे हैं।
मेले में स्वच्छता को ध्यान में लगते हुए मेला प्रशासन की ओर से मोबाइल शौचालयों लगाए गए हैं। मेले में खोया पाया बच्चा समाजसेवा शिविर नंदराम शाक्य, मु. असरार के नेतृत्व में पहुंच गया है।मेले में ककोड़ा समाज सेवा समिति की ओर से डॉ. राघवेंद्र और संजीव गुप्ता के नेतृत्व में गंगा किनारे भंडारा चलाए जा रहा है। मेले में साधु संतों महात्माओं के डेरा तंबू लग चुके हैं, भजन, पूजा का क्रम जारी है। शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में चल रहे प्रखर बाल संस्कारशाला की ओर से पतित पावनी मां गंगा के तट पर दीपदान किया गया। गति परिवार की संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि मां गंगा की निर्मल धारा, भारत की जीवन धारा है। पापों का नाश कर पावनता प्रदान करती हैं। जीवनदायिनी मां के आंचल को कूड़ा करकट डालकर गंदा न करें। हेमंत शर्मा ने कहा कि मां गंगा के साथ मां जैसा व्यवहार करें और मां जैसा ही प्यार पाएं।नंदराम शाक्य मौजूद है l
रिपोर्ट – निर्दोश शर्मा