बदायूँ। जिला अस्पताल में सीएमएस के  ऑफिस में कमरा नंबर 30 में छात्र-छात्राएं एवं नौकरी पाने वाले लोग आ रहे हैं जिनके फिटनेस प्रमाण पत्र बनाये जाते हैं। जिसका कोई निर्धारित शुल्क नही हैं पिछले दो माह में हजारों की संख्या में फिटनेस प्रमाण पत्र सीएमएस ने जारी किए थे। मगर यहां का सूरतेहाल यह हैं कि 216 सरकारी फीस बताई जाती है। हालांकि फिटनेस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कोई सरकारी चार्ज नहीं लिया जाता है।मगर रिश्वतखोर व दलाल सरकारी चार्ज के नाम पर 216 रुपया प्रत्येक फिटनेस प्रमाण पत्र से ऑफिस में बैठा कर्मचारी वसूल रहा है।यह काम एक लंबे समय से चल रहा हैं।जिसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा हैं।चौंकाने वाली बात है। कि कमरा नम्बर 30 और कमरा नंबर 31 जोकि सीएमएस का है, इससे साफ जाहिर होता है कि सीएमएस की मिलीभगत से अस्पताल के रिश्वतखोर,दलाल कर्मचारी सरकारी फीस के नाम पर अवैध वसूली कर रहे है।और इस धन को सीएमएस ,कर्मचारी मिल बांट कर खा रहे हैं।बताया जा रहा है कि फिटनेस प्रमाण पत्र जो सरकारी या गैर सरकारी नौकरियों में फिटनेस प्रमाण पत्र मांगा जाता है, जिला अस्पताल के रिश्वतखोर,दलाल कर्मचारी सरकारी फीस के नाम पर अवैध वसूली कर रहे है।सीएमएस के ऑफिस के इर्दगिर्द दलाल घूमते नजर आते हैं। और  फिटनेस प्रमाण पत्र की अवैध वसूली सीएमएस के इशारे पर चल रही हैं।इलाज के नाम पर जीरो हैं जिला अस्पताल केवल रेफर सेंटर बना दिया हैं।मेडिकल के नाम पर भी खूब अवैध वसूली हो रही हैं।जिला अस्पताल के अधिकारी जान कर भी अनजान बने बैठे हैं।
जिला अस्पताल में इन दिनों पर्चा बनवाने से लेकर मरीजों के बीच तक मारामारी की स्थिति बनी हुई है। यहां फिटनेस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए छात्र-छात्राएं एवं नौकरी पाने वाले लोग आ रहे हैं। इसकी वजह से भीड़ में इजाफा हो रहा है। फिटनेस वाले लोगों के चलते सबसे ज्यादा मरीजों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है। अस्पताल इन फिटनेस वालों की कोई अलग से व्यवस्था नहीं कर रहे हैं।
इस फिटनेस को लेकर अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगे हैं। यहां फिटनेस प्रमाण पत्र बनवाने वाले आवेदकों ने वसूली का आरोप लगाया।जिला प्रशासन अस्पताल से दलालों की दलाली को खत्म करने की बात करता है, लेकिन जो अस्पताल कर्मियों द्वारा दबंगई और अवैेध वसूली की जा रही हैं, इस पर कई बार शिकायतों के बाद भी जिला प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है।