देहरादून । पूर्व मुख्यमंत्री व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव हरीश रावत इन दिनों शायद ही कोई मौका छोड़ रहे हों जब वह उत्तराखंड की सत्ताधारी भाजपा के नेताओं पर तंज न कसते हों। हरीश रावत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत और मुख्यमंत्री हरीश रावत पर अपने चुटीले अंदाज में व्यंग्य बाण चला रहे हैं। बीते रोज एक बार फिर हरीश रावत ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के 2022 तक अपने पद पर बने रहने की कामना की है। यहां तक कि हरीश रावत बोले रोज सुबह पूजा करने के दौरान वह भगवान के समक्ष यही श्लोक बोलते हैं।माना जा रहा है कि सूबे की सियासत से स्वयं को जोड़ कर रख हरीश रावत ने अब यह नई रणनीति आगामी विधानसभा 2022 चुनाव के मद्देनजर तैयार की है।उधर पूर्व राज्यमंत्री व भाजपा नेता मनीष वर्मा पहले ही हरीश रावत की रणनीति पर कह चुके हैं कि वह स्वयं को सुर्खियों बनाए रखते हैं। कभी भुट्टा भूनना,कभी पकोड़े तलना,कभी समोसे बनाना तथा कई तरह की दावतों के जरिये प्रतिद्वंद्वी भाजपा और अपनी पार्टी के भीतर ही विरोधियों को निशाने पर लेते रहे रावत अब नए अंदाज के साथ मैदान में उतरे हैं। इसके अलावा एक अंदाज यह भी है मंदिरों में जाकर दर्शन करना और भजन-कीर्तन के काम भी में शामिल होना। हरदा का यह नया सियासी अंदाज काफी कुछ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सॉफ्ट हिंदुत्व वाले नेता की छवि बनाने की कवायद से मिलता-जुलता है। मनीष वर्मा मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के करीबियों में शुमार होते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने मंदिरों में जाकर भगवान के दर पर माथा टेकने की परंपरा शुरू की थी। उत्तराखंड में निकट भविष्य में विधान सभा चुनाव होने हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस को अपनी सियासी जमीन सहेजने के लिए यह एक अवसर हो सकता है, लेकिन राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि हरीश रावत की रणनीति के केंद्र में आगामी तुरंत होने वाले उप चुनाव यानी सल्ट विधान सभा में अपने खास को टिकट दिलाने की कवायद है , और उसमें अच्छा प्रदर्शन कर उसके बाद आगामी विधानसभा चुनाव को अपने हाथ में लेने की रणनीति हैं।