शिशुओं में स्थापित करें, इच्छित संस्कार गायत्री शक्तिपीठ पर हुआ, ‘‘आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी‘‘ कार्यक्रम
बदायूँ। गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में चल रहे आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी कार्यक्रम हुआ। आत्मीय परिजनों ने सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों को संजीवनी दी। प्रज्ञावानों को सम्मानित किया।
मुख्य प्रबंध ट्रस्टी अनिल कुमार राठौर ने कहा कि संतान स्वस्थ और विशिष्ट प्रतिभाशाली हो इसके लिए शिशु की मूल वृत्तियों पर ध्यान दें। मातृशक्ति माया सक्सेना ने कहा कि आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी के माध्यम से शिशुओं में इच्छित संस्कारों को स्थापित करें।गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि बच्चों को संपत्ति से नहीं, श्रेष्ठ संस्कारों से पवित्रता, महानता और सज्जनता मिलेगी। जिला समंवयक नरेंद्र पाल शर्मा ने कहा कि संस्कार जीवन की अमूल्य धरोहर हैं। सुखपाल शर्मा ने कहा कि संस्कार व्यक्ति के हृदय और मन-मस्तिष्क की मलिनता को हटाकर पवित्रता प्रदान करते हैं।
रामचंद्र प्रजापति ने कहा कि बालकों के व्यक्तित्व को निखारने के लिए भारतीय संस्कृति के मूल संस्कारों को अपनाएं। परिब्राजक सचिन देव ने कहा कि शिशुओं के चिंतन, चरित्र और व्यवहार के समुचित विकास के लिए परिवार में आध्यात्मिक वातावरण बनाएं।
आईबीसी ग्लोबल टीम के संचित सक्सेना ने कहा कि संस्कारों से साधारण मनुष्य भी देवता बन जाता है। शिक्षक मृदुलेश यादव ने लक्ष्य को पाने के लिए श्रेष्ठ संस्कार अर्जित करें। इस मौके पर सुरेंद्र नाथ शर्मा, राजेश्वरी, प्रज्ञा आदि मौजूद रहीं।