सौरभ गुप्ता की रिपोर्ट

सहसवान। कानूनगो व लेखपाल मिलकर सरकार की कर रहे छवि धूमिल
उप जिलाधिकारी सहसवान को कानूनगो लेखपालों की घूसखोरी का भुगतना पड़ सकता है खामियाजा

आपको बताते चलें नगर सहसवान में आए दिन पीड़ितों द्वारा चाहे कोतवाली पुलिस हो या तहसील लोग आए दिन अवैध वसूली को लेकर शिकायतें करते हैं लेकिन उनकी शिकायतें मात्र खानापूर्ति करते हुए चाहे मुख्यमंत्री पोर्टल हो चाहे जिलाधिकारी द्वारा मार्क किया हुआ प्रार्थना पत्र हो उन पर मात्र झूठी रिपोर्ट लगाकर आम जनता को हमेशा गुमराह किया जा रहा है यही हाल कुछ दिन पूर्व तहसील परिसर में एक युवक द्वारा पानी की टंकी पर चढ़कर न्याय की गुहार लगाई गई थी उसके बाद प्रशासन हरकत में आया उसे न्याय दिलाने का आश्वासन दिया गया यही नहीं सहसवान तहसील में रहे तहसीलदारअहिबारन सिंह के समय में मोहल्ला मोहिद्दीनपुर भाजपा के बूथ अध्यक्ष ने तहसील प्रांगण के बंदी गृह में आत्महत्या कर ली थी अब फिर एक घटना तहसील में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर एक युवक ने भावुक होकर आत्महत्या कर ली बात यहीं नहीं खत्म होती सबसे बड़ी बात यह है सहसवान तहसील में लगभग बीस पच्चीस बरसों से लेखपाल कानूनगो जमे हुए हैं जो अपने पैर इतने मजबूत कर चुके हैं उनका कहना है कि हम जब तक लेखपाल या कानूनगो है हम इसी तहसील में इसी हल्के में रहेंगे जो भी गलत काम हो हम उसको करके दिखाएंगे इससे यह लगता है की कानूनगो लेखपालों की नियुक्ति एक ही स्थान पर होती है आखिर इनका स्थानतरण क्यों नहीं होता जबकि जनता बार-बार शिकायतें करती है उसके बाद चाहे आईजीआरएस हो चाहे किसी भी तरह की शिकायत हो उसको मात्र खानापूर्ति कर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है लोगों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि सहसवान तहसील का समस्त स्टाफ स्थानांतरण किया जाए और लगातार एक या दो वर्ष में नई स्टाफ को तैनाती दी जाए अगर यही हाल रहा आगे भी कई लंबे मामले शासन प्रशासन के सामने आ सकते हैं!