कुंवर गांव ।नगर पंचायत के वार्ड नंबर 4 में गाटा संख्या 637 पर बने राम देवता के मन्दिर की तीस वर्ष से सेवा कर रहे पुजारी सैदू को पुजारी पद से हटाकर उन्हें केवल कमेठी सदस्य के रुप में रखा गया है। जहां मंदिर में लगे पुजारी के ताले भी चेयरमैन द्वारा मंदिर के लिए टीम गठित कर खुलवा दिए गए ।

पूरा मामला नगर पंचायत में वार्ड नंबर 4 का है जहां साढ़े तीन बीघा जमीन राम देवता मंदिर के लिए चिन्हित है जिसमें एक मंदिर बना हुआ है व एक पंचायत घर बना हुआ है जिसका विवाद पिछले चार वर्षों से चला आ रहा है तीस वर्ष से मंदिर की सेवा कर रहे पुजारी सैदू पुत्र राज बहादुर का आरोप है कि पुजारी मंदिर की तीस वर्षों से सेवा करता आ रहा है नगर पंचायत चेयरमैन पति संजय गुप्ता ने मंदिर की कुछ जगह पर पुलिस बल के साथ जेसीबी मशीन से वुनियाद खुदबाकर कब्जा करना चाहा तभी जब पुजारी ने इसका विरोध किया तो चेयरमैन और कुछ लोगों ने मेरे साथ मारपीट की जिसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई लेकिन किसी ने कुछ नहीं सुनी तभी पुजारी सैदू ने न्यायालय की शरण ली जहां उसने 156/3 वाद दायर किया जिसके बाद आरोपियों पर आरोप सिद्ध होने के बाद उसने चार लोगों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया ।तभी से चेयरमैन पति संजय गुप्ता ने मनगढ़ंत कहानी रच ली और पुजारी को मंदिर से हटाने की रणनीति बना ली । जहां चेयरमैन पति संजय गुप्ता ने वृहस्पतिवार को नये पुजारी सहित 11 सदस्यों की कमेठी गठित कर ली और पुजारी हरगोविंद शर्मा को घोषित कर मंदिर में सैदू पुजारी के ताले खुलवाकर अपने ताले डलवा दिए ।

वृहस्पतिवार लगभग तीन बजे चेयरमैन पति संजय गुप्ता अपने नगर कर्मचारियों को लेकर मंदिर पर पहुंचे जहां उन्होंने पुजारी को पुलिस द्वारा बुलवाकर उसके ताले खुलवा दिए । और अपने ताले लगवा दिए ।पुजारी ने रो रोकर अपना दुख प्रकट किया कि मैं तीस वर्ष से मंदिर की सेवा करता आ रहा हूं पांच विधायक बदल गए कई चेयरमैन बदल गए किसी ने मुझसे कुछ नहीं कहा जब से भाजपा सरकार आई है और जब से संजय गुप्ता चेयरमैन पति हुए हैं तभी से मेरे साथ यह हो रहा है ।और सैदू पुजारी ने यह भी बताया कि मेरे द्वारा कोर्ट में चल रहे मुकदमे को वापस लेने के लिए दवाव बनाया जा रहा है । मुझे न्याय नहीं मिला है मैं शांत नहीं बैठूंगा मैं न्यायालय की दुबारा शरण लूंगा ।नगर पंचायत चेयरमैन पति का कहना है कि मंदिर नगर पंचायत अधिकार क्षेत्र में आता है इसलिए टीम गठित की गई अब मंदिर की देखरेख व संपूर्ण कार्यों का सम्पादन नगर पंचायत कार्यालय द्वारा किया जाएगा ।