हिन्दी को मिले पूर्ण राजभाषा का स्थान।
अभियंत्रण, सूचना प्रौद्योगिकी, प्रवंधन व चिकित्सा की शिक्षा का माध्यम बने हिंदी।
उच्चतम, उच्च न्यायालय व प्राधिकरणों में हिंदी में कार्य की अनिवार्यता हो।
बदायूँ। भारतीय हिंदी सेवी पंचायत के तत्वावधान में हिंदी दिवस के उपलक्ष मे एक संगोष्ठी का आयोजन भगवान परशुराम इंटर कॉलेज नेकपुर बदायूँ में भारतीय हिंदी सेवी पंचायत के संरक्षक राम बहादुर पाण्डेय की अध्यक्षता में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पंचायत के अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में महाराणा प्रताप विकास ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष डॉ सुशील कुमार सिंह उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम मुख्य अतिथि , विशिष्ट अतिथि व कार्यक्रम अध्यक्ष द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित किया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए भारतीय हिंदी सेवी पंचायत के अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि हिंदी विश्व की एकमात्र भाषा है, जिसका साहित्य सबसे समृद्ध है। हिंदी हमारी मातृ भाषा, राष्ट्र भाषा व राजभाषा है। हिन्दी भाषा की सेवा में संलग्न साहित्यकारों का समय- समय पर भारतीय हिन्दी सेवी पंचायत द्वारा सम्मानित करने का कार्य किया जा रहा है| तहसील, ब्लाक व जनपद के दूरस्थ क्षेत्र मे भी हिंदी की उन्नति हेतु इस तरह के आयोजन निरन्तर किये जा रहे हैं। पंचायत द्वारा हिंदी में चिकित्सा, अभियंत्रण व प्रबंधन की शिक्षा देने की मांग उठाई जा रही है। अभी भी हिंदी पूर्ण राजभाषा का स्तर प्राप्त करने हेतु संघर्षरत हैं।
विशिष्ट अतिथि डॉ सुशील कुमार सिंह ने कहा कि हिंदी भाषा से हमें अब अन्य देशों में भी सम्मान मिलने लगा है ,हिंदी से बड़ा शब्द कोष दूसरी भाषा में नहीं है , हम सबको हिंदी भाषा के प्रयोग की प्रवृत्ति विकसित करनी चाहिए।
अधयक्षता कर रहे भारतीय हिंदी सेवी पंचायत के संरक्षक राम बहादुर पाण्डेय ने कहा कि हिन्दी की जननी संस्कृत है, इससे ही हमारा और हमारे देश का सम्मान है | उच्चतम, उच्च न्यायालय व प्राधिकरणों व मंत्रालयों में हिंदी में कार्य करने की अनिवार्यता हो। हम सबको हिंदी की उन्नति के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। हिंदी का भविष्य उज्जवल है, वह दिन दूर नहीं है जब सम्पूर्ण विश्व को हिंदी मार्गदर्शन प्रदान करेगी।
संगोष्ठी में प्रमुख रूप से मनसुख लाल गुप्ता , के एल गुप्ता ,धनपाल सिंह , अखिलेश सिंह, डा रामरतन पटेल , हिमांशु मिश्रा , अनिल राठौर, बब्लू मिश्रा , राजनारायण मिश्रा ,एन सी मिश्रा ,रामगोपाल , कुसुम सक्सेना , निशि शर्मा, रूबी राठौर, अर्चना पाठक , उमाशंकर राठौर , अमन वर्मा , आर्येंद्र सिंह , सुरेंद्र सिंह , अवनेश सक्सेना , गौरव तिवारी, महेश चंद्र, ओमकार सिंह आदि की सहभागिता रही।
कार्यक्रम का संचालन भारतीय हिंदी सेवी पंचायत के संयोजक पवन शंखधार ने किया।