भारतीय सैनिक 24वीं बटालियन राजपूत रेजीमेण्ट के सूबेदार सतीश चंद्र शर्मा के सेवानिवृत्त होकर घर लौटने पर बाल संस्कारशाला के बच्चों ने फूलमाला और शाॅलओढ़ाकर किया स्वागत।

बदायूं। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकंुज हरिद्वार के मार्गदर्शन में चल रहे प्रखर बाल संस्कारशाला के बच्चों ने कैंप कार्यालय पर भारतीय सैनिक 24वीं बटालियन राजपूत रेजीमेण्ट के सूबेदार सतीश चंद्र शर्मा के सेवानिवृत्त के बाद घर लौटने पर फूलमाला और शाॅल ओढ़ाकर भव्य स्वागत और जयहिन्द का जयघोष किया।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि भारतीय सैनिक होने का गौरव निःस्वार्थ देशभक्ति, अदम्य साहस और वीरता का परिचम लहराने के बाद प्राप्त होता है। भारत की जल, थल और वायु सेना की शौर्य गाथा संपूर्ण धरा पर गाई जाती है। वंदेमातरम्, जयहिन्द जैसे जयघोष युवाओं में अनोखा जोश भरते हैं।
निर्मल गंगा जन अभियान के सुखपाल शर्मा ने कहा कि युवा राष्ट्र प्रहरी बनें, देश सेवा का सर्वोपरि धर्म निभाएं। देशभक्ति जीवन को बहुमूल्य और सार्थक बनाती है।
24वीं बटालियन राजपूत रेजीमेण्ट के सेवानिवृत्त सूबेदार सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि युवा देश की शान हैं। इनकी अथाह ताकत हर कार्य को संभव कर दिखाने की सामथ्र्य रखती है। देश के लिए समर्पित भाव हर दिन नया इतिहास रचता है।
सेवानिवृत्त होने के बाद घर लौटने पर सूबेदार सतीश चंद्र शर्मा का जोरदार स्वागत किया गया। समाजसेवी सुखपाल शर्मा, राम औतार शर्मा, महावीर सिंह राघव ने सेवानिवृत्त सूबेदार सतीश चंद्र शर्मा को शाॅल ओढ़ाई, फूलमाला व गायत्री मंत्र का पटिका पहनाया और प्रखर बाल संस्कारशाला की कल्पना, नेहा, दीप्ति, भूमि पुष्प और वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य सद्साहित्य भेंट किया।
इस मौके पर राम औतार शर्मा, महावीर सिंह राघव, आरती शर्मा, रीना शर्मा, सौम्या, हेमंत आदि मौजूद रहे। संचालन मृत्यंुजय शर्मा ने किया।