Uproar over the condolence message on the death of Kalyan Singh, pamphlets pasted in the campus against the Vice Chancellor
UP के पूर्व मुख्यमंत्री Kalyan Singh के निधन पर शोक व्यक्त करने पर AMU Vice Chancellor तारिक़ मंसूर की campus के अंदर निंदा हो रही है. इसको लेकर एएमयू कैंपस में कुछ जगह पर्चे भी चिपकाए गए हैं. पर्चे किसने चिपकाये हैं अभी इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है. कैम्पस में लगे इन पर्चों को एएमयू प्रशासन की तरफ से हटा दिया गया हैं.
दरअसल 22 August को कल्याण सिंह के निधन पर एएमयू के जनसंपर्क विभाग की तरफ से ‘कल्याण सिंह के निधन पर एएमयू कुलपति ने जताया शोक’ के नाम से Press note भेजा गया था. इसमें उन्होंने कहा था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल श्री कल्याण सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है
Professor Mansoor ने कहा है कि कल्याण सिंह ने देश के सार्वजनिक जीवन और UP के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें. Professor Tariq Mansoor ने श्री कल्याण सिंह के पुत्र श्री राजवीर सिंह से अपनी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त की है.
अगले दिन यह खबर सभी स्थानीय अखबारों में छपी थी जिसके बाद कैंपस के अंदर कुछ जगह पर्चे भी लगे हुए देखे गए. जिसमें एएमयू वीसी के इस बयान की निंदा की गई थी. उस पर लिखा था की किसी क्रिमिनल के लिए प्रार्थना करना भी अपराध है. वाइस चांसलर के सांत्वना शब्द उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के लिए ना केवल शर्मनाक है बल्कि धार्मिक भावनाओं को हर्ट करने वाला है. कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद को ढहाने में थे.
इस तरह के पर्चे चिपकने के बाद कैंपस में खलबली मच गई. आनन-फानन में पर्चे हटा दिए गए. मामले पर जब एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन से बात की गई तो फैजुल ने बताया कि नोटिस कैंपस के किसी जगह में लगा था यह मेरे पास मैसेज आया था. हमने कोशिश की की पता चले कि यह कहां से और किसने लगाया है. इसमें किसी का नाम नहीं है. कोई भी इस तरह का पोस्टर लगा सकता है.
उन्होंने कहा कि हर जगह कैमरा है. नोटिस में वाइस चांसलर और कल्याण सिंह की मौत को लेकर है. वीसी ने जो मैसेज दिया था अखबार में कि देश का नुकसान हुआ है कल्याण सिंह के जाने से, तो मैंने लिखा था कि हो सकता है कि देश का नुकसान ना हुआ हो लेकिन हमारे वीसी साहब का personal नुकसान हुआ है. हर कोई जानता था कि इनका बहुत करीबी मामला है और दोनों का घर Merris Road पर ही है. इनके बहुत पुराने रिश्ते हैं. दोनों परिवार हर तरह के कार्यक्रम में शामिल होते हैं. हर आदमी जानता है. जो में लिखा है उसी तरह से लिखा था.
एक अन्य छात्र नेता ने बताया कि posters कि जहां तक बात है वीसी साहब के खिलाफ किसने लगाया है यह तो हमें नहीं पता. लेकिन पोस्टर में जो कंटेंट लिखा है आप उस पर गौर करें. कंटेंट में बिल्कुल साफ तौर पर लिखा है कि कल्याण सिंह के लिए जो श्रद्धांजलि या गम का इजहार किया है वह ना काबिले बर्दाश्त है. उसका रीजन यह है कि कल्याण सिंह वही कल्याण सिंह है जिनके दौरे हुकूमत में Babri Masjid शहीद हुई थी. कल्याण सिंह के के लिए गम का इजहार अलीगों के लिए बहुत ही दुखद है जो वीसी ने उन्हें दी है. Supreme court के आदेश को जिस शख्स ने अपने पैरों तले कुचला हो. तो यह कांटा हमारे दिल से कैसे इतनी आसानी से निकल सकता है. यह ना काबिले बर्दाश्त है.