शहरों में नाई की दुकान हो या फिर खोंमचे वाले… या फिर वैन में खाने का सामान बेचने वाले… अब सभी को कूड़ा उठाने के एवज में हर माह यूजर चार्ज देना होगा। इतना ही नहीं हर साल एक अप्रैल से यूजर चार्ज में पांच फीसदी की बढ़ोतरी भी की जाएगी। इसके लए उप्र ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली को इसी माह कैबिनेट से मंजूरी की तैयारी है। यूजर चार्ज बढ़ाने की व्यवस्था 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी होगी।
बड़े नहीं छोटे शहरों में भी वसूली
योगी सरकार शहरों में स्वच्छता बनाने के लिए कूड़ा उठाने के एवज में यूजर चार्ज वसूली को और व्यापक बनाने जा रही है। आवासीय व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के साथ छोटे-मोटे दुकानदारों, सरकारी, गैर सरकारी गेस्ट हाउस के साथ हर उस संस्थान और प्रतिष्ठान को दायर में लाकर यूजर चार्ज लिया जाएगा। जहां से कूड़ा निकलता है। यूजर चार्ज की वसूली में एकरूपता लाई जाएगी और सभी निकायों में वसूली की जाएगी। अभी तक कुछ चुनिंदा नगर निगमों में ही इसकी वसूली की जा रही है। यूजर चार्ज की वसूली वर्ग फीट के आधार पर की जाएगी।
सबका का रेट अलग-अलग
घरों से कूड़ा उठाने के एवज में यूजर चार्ज की दर वर्ग फीट के आधार पर तय की जा रही है। छह लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 500 वर्ग फीट से कम क्षेत्र पर 40 रुपये, छह लाख से कम आबादी पर 35 रुपये, पालिका परिषद में 35 रुपये और नगर पंचायतों में 30 रुपये प्रति वर्ग फीट के हिसाब से यूजर चार्ज हर माह लेने की व्यवस्था होगी। 500 से 2000 रुपये वर्ग फीट तक 100, 80, 75 व 50 रुपये प्रति वर्ग फीट होगा। इसी तरह फुटपाथ, फेरीवालों, ठेला, गुमटी, खोमचे या फिर सचल खाद्यान्न वैन चलाने वालों से हर माह कूड़ा उठाने के एवज में यूजर चार्ज हर माह लिया जाएगा। यह चार्ज 35 रुपये से लेकर 200 रुपये तक हर माह शहर के हिसाब से लिया जाएगा।