There was a 45-minute phone conversation between PM Modi and Russian President Putin regarding the situation in Afghanistan
PM Narendra Modi ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से करीब 45 मिनट तक phone पर बात की. इस दौरान नेताओं नेताओं के बीच Afghanistan के मौजूदा स्थिति पर विस्तार से बात हुई. दोनों वैश्विक नेताओं के बीच ये बातचीत ऐसे समय में हुई है जब कई देश तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों को वहां से सकुशल निकालने के मिशन में जुटे हुए हैं. भारत का भी मिशन जारी है.
सोमवार को रूस ने कहा है कि वह Afghanistan में तालिबान और उसके विरोधियों के बीच के टकराव में दखल नहीं देगा. क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि कलेक्टिव security treaty organization (चुनिंदा सोवियत पूर्व देशों का अंतर सरकारी सैन्य गठबंधन) के सदस्य देशों ने गतिरोध और ‘‘अफगानिस्तान में दूसरे गृहयुद्ध’’ के प्रभावों पर चर्चा की. उन्होंने कहा, ‘‘ वाकई कोई भी इस घटनाक्रम में दखल देने नहीं जा रहा.’’ उससे पहले Taliban प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि इस गठबंधन के सैन्यबलों ने पंजशीर को घेर लिया.
दरअसल पंजशीर अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में एकमात्र ऐसा प्रांत है जिसने तालिबान के सामने हथियार नहीं डाले हैं. कई तालिबान विरोधी पंजशीर में एकत्र हो गये हैं. पंजशीर में जो इकट्ठा हुए हैं, उनमें अपदस्थ सरकार के उपराष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह, जो कार्यवाहक राष्ट्रपति होने का दावा करते हैं, और नार्दन एलायंस मिलिशया के दिवंगत कमांडर के बेटे अहमद मसूद हैं. नार्दन एलायंस ने ही America के साथ मिलकर 2001 Taliban को सत्ता से हटाया था. Collective Security treaty ऑरगेनाइजेशन में रूस, बेलारूस, कजाखस्तान, आर्मेनिया, किर्गिजस्तान और तजिकिस्तान हैं.
Russia ने अफगानिस्तान में दस साल तक लड़ाइयां लड़ी थी और 1989 में सोवियत सैनिकों की वापसी के साथ यह खत्म हुई थी और मध्यस्थ के रूप में राजनयिक वापसी की थी . अफगानिस्तान में प्रभाव को लेकर रूस की America से प्रतिस्पर्धा रही. उसने अफगानिस्तान पर कई दौर की वार्ता की मेजबानी की और हालिया ऐसी घटना मार्च की है जिसमें तालिबान शामिल था. वैसे रूस उसे एक आतंकवादी संगठन कहता है.