दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने घोषणा की है कि 6 फरवरी को दिल्ली-एनसीआर में चक्का जाम नहीं किया जाएगा। राकेश टिकैत के मुताबिक, किसानों को दिल्ली में प्रवेश ही नहीं करना है तो ऐसे में 6 फरवरी को चक्का जाम करने का सवाल ही नहीं उठता है। यह एलान राकेश टिकैत ने एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में किया है। इससे पहले यूपी गेट पर कृषि कानूनों के विरोध में 28 नवंबर से चल रहे धरने में मंगलवार को प्रदर्शनकारियों की खासी भीड़ रही, जो बुधवार को भी बरकरार है। इससे पहले मंगलवार को मंच से विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि छह फरवरी को पूरे देश में किसान चक्का जाम करेंगे। दिल्ली बॉर्डर पर की गई तारबंदी को लेकर उन्होंने कहा कि पुलिस किसानों की रोटी व अनाज की तारबंदी कर रही है। धरनास्थल की किलेबंदी की जा रही है।राकेश टिकैत ने एक बार फिर मंच से एलान किया कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो नवंबर तक आंदोलन चलता रहेगा। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदर्शन का हेडक्वार्टर सिंघु बार्डर है और वहां से जो तय किया जाएगा प्रदर्शनकारी उसी हिसाब से चलेंगे। टिकैत ने कहा कि हमारी यह लड़ाई भाषा की नहीं बल्कि भाव की है, इसलिए हमारी भावनाओं पर ध्यान दिया जाए न कि भाषा पर। हम शांति की मांग कर रहे तो हमें शांति के साथ अपना धरना करने दिया जाए।देश की सीमाओं पर की जाए तारबंदी-शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राउत मंगलवार को यूपी गेट स्थित धरनास्थल पर पहुंचे और कृषि कानून विरोधियों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सरकार जो तारबंदी व बेरिकेटिंग दिल्ली बार्डर पर कर रही है, ऐसी ही तारबंदी देश की सीमाओं पर करनी चाहिए। सरकार यदि सीमाओं पर तारबंदी करती तो चीनी सेना हमारी सीमा में प्रवेश नहीं कर पाती।