एबीकेएम ने महान साहित्यकार उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद्र के जन्म दिवस पर उनको मरणोपरांत भारत रत्न देने की सरकार से की मांग

बदायूँ। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की ओर से महान साहित्यकार उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद्र का 141 बे जन्मदिवस के मौके पर काव्य गोष्ठी का आयोजन मधुबन कॉलोनी में किया गया l इस अवसर पर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट
शैलेंद्र कुमार सक्सेना ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की l उन्होंने कहा कि उपन्यास सम्राट जिन्होंने दर्जनों उपन्यास लिखकर निर्धन एवं मध्यमवर्ग की समस्याओं एवं सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया l
एबीकेएम के प्रदेश मंत्री वरिष्ठ समाजसेवी आर्य समाज कोषाध्यक्ष विपिन जौहरी ने मुंशी प्रेमचंद्र का जीवन परिचय प्रस्तुत करते हुए बताया कि इनका मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव था ,31 जुलाई 1880 को इनका जन्म वाराणसी जनपद के लमही गांव में हुआ था, आर्य समाज की विचारधारा से प्रभावित थे इसलिए राष्ट्रवाद एवं समाज सेवा इनमें कूटकूट कर भरी हुई थी l अधिवक्ता विनोद कुमार सक्सेना बिन्नी ने बताया मुंशी प्रेमचंद्र ने न सिर्फ उपन्यास लिखें बरन अनेक कथाएं भी लिखें और कई फिल्मों की पटकथा का लेखन भी आपने किया, लेकिन दुर्भाग्य इस देश का है कि ऐसे महान साहित्यकार ,समाज सुधारक, देशभक्त को अब तक सरकार द्वारा किसी भी पुरस्कार द्वारा सम्मानित नहीं किया गया है जबकि ऐसे महान साहित्यकार को एक नहीं अनेक पुरस्कार दिए जाने चाहिए l पत्रकार विकास बाबू आर्य एवं सभी लोगों ने अधिवक्ता विनोद कुमार सक्सेना की उक्त मांग का समर्थन करते हुए सरकार से मांग की मुंशी प्रेमचंद्र जी को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान दिया जाना चाहिए l और एक स्मारक लमही में सरकार की ओर बनना चाहिएl काव्य गोष्ठी कार्यक्रम के अवसर पर मुकेश सक्सेना , विनोद रायजादा ,विनोद जोहरी ,विवेक जौहरी, विजय सक्सेना, धर्मेंद्र सक्सेना ,रमाकांत सक्सेना , सहित अनेकों समाजसेवी कार्यक्रम इनमें उपस्थित रहेl
बदायूं से संवाददाता एडवोकेट विकास बाबू आर्य की रिपोर्ट