Mayawati came on the back foot on the decision of OBC quota in Medical College, know the whole matter
BSP अध्यक्ष मायावती ने एमबीबीएस और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण का प्रावधान किये जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर शुक्रवार को निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह चुनावी राजनीतिक स्वार्थ के लिए लिया गया फैसला लगता है.
केंद्र ने अखिल भारतीय आरक्षण योजना के अंतर्गत मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2021-22 से स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा और दंत पाठ्यक्रमों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की गुरुवार को घोषणा की. इस पर मायावती ने Tweet किता की ”देश में सरकारी medical colleges की अखिल भारतीय स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों में OBC आरक्षण की घोषणा काफी देर से उठाया गया कदम है.” उन्होंने कहा, ”केंद्र सरकार अगर यह फैसला पहले ही समय से ले लेती तो इन वर्गों को अब तक काफी लाभ हो जाता, किन्तु अब लोगों को यह चुनावी राजनीतिक स्वार्थ हेतु लिया गया फैसला लगता है.”
बता दें कि BJP सरकार के इस फैसले से OBC और दलित राजनीति में हावी पार्टियों को बड़ा नुकसान का खतरा सता रहा है. उन्हें डर है कि बीजेपी सरकार के इस कदम से कहीं इन समुदायों का बड़ा वोट शेयर बीजेपी की तरफ न मुड़ जाए.
मायावती ने अपने सिलसिलेवार Tweet में कहा, ”वैसे BSP बहुत पहले से सरकारी नौकरियों में एससी, एसटी और OBC quota के backlog पदों को भरने की मांग लगातार करती रही है, किंतु केंद्र व उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों की भी सरकारें इन वर्गों के वास्तविक हित और कल्याण के प्रति लगातार उदासीन बनी हुई हैं, जो बहुत दुखद है.”