रिपोटर – सौरभ गुप्ता
सहसवान – बदायूं जनपद के सहसवान तहसील क्षेत्र ग्राम खरकबारी का उच्च प्राथमिक विद्यालय अपनी दुर्दशा के आंसू बयां कर रहा है स्कूल की हालत बद से बदतर जर्जर हालत में है ना तो स्कूल प्रांगण की बाउंड्री हुई है ना ही खड़ंजा है ना प्लास्टर है कमरों में भी मिट्टी पड़ी हुई है आगन में भी मिट्टी मिट्टी है जबकि उत्तर प्रदेश सरकार बच्चों की पढ़ाई के नाते सरकारी स्कूलों मॉडल स्कूल बनाने पर जोर दे रही है करोड़ों अरबों रुपए की सरकार सरकारी स्कूलों में लगा रही है उसके बाद भी योगी सरकार को नजरअंदाज कर यह लोग भ्रष्टाचार करने से नहीं चूक रहे हैं मजेदार बात यह है यहां के स्कूल में किवाड़े टूटी हुई है शौचालय का हाल भी बद से बदतर है वहां पर बड़ी-बड़ी घास मौजूद है यही हाल रसोई घर का है वहां पर भी खंडहर की तरह पड़ा हुआ है प्रश्न यह उठता है कि यहां पर एक अध्यापक को अटैच कर रखा है जो स्कूल न जाकर घर पर ही समय व्यतीत कर रहे हैं इससे साफ स्पष्ट है की बच्चों के लिए सरकार द्वारा गेहूं उपलब्ध कराया जा रहा है जो कोटेदार से तो स्कूल इंचार्ज प्राप्त रहे हैं लेकिन जब यहां कोई अध्यापक काफी समय से नहीं आया है तो वह गेहूं स्कूल ड्रेस जूते आदि कहां जा रहे हैं आप इस वीडियो को देखने से अंदाजा लगा लेंगे शिक्षा विभाग के अधिकारी आखिर क्यों आंखें मूंदे बैठे हैं जो स्कूलों की ओर ध्यान नहीं देना चाहते जबकि हर मां बाप अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए स्कूल भेजने के लिए उत्साहित रहता है लेकिन यहां के लोग मजबूर है काफी लंबे समय से सरकार द्वारा हजारों रुपए प्रतिवर्ष स्कूलों को मुहैया कराया जाता है आखिर वह पैसा किस मद में गया कहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की भूमिका भी तो संदिग्ध नहीं है अब सवाल उठता है कि इस वीडियो वायरल होने के बाद शासन प्रशासन इस ओर क्या ध्यान देता है।