Kangana Ranaut to make a film on Indira Gandhi’s ‘Emergency’
अभिनेत्री कंगना रनौत अब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 46 साल पहले देश में लगाई गई इमरजेंसी पर फिल्म बनाने जा रही हैं. इमरजेंसी नाम की इस फ़िल्म में वह न सिर्फ इंदिरा गांधी का किरदार निभाएंगी, बल्कि उसका डायरेक्शन भी खुद ही करेंगी. इंदिरा के किरदार को करीब से जानने व फिल्म को बेहतरीन बनाने की नीयत से कंगना अगले महीने उनकी जन्मस्थली और कर्मभूमि संगम नगरी प्रयागराज आने वाली हैं.
कंगना की इस फिल्म और प्रयागराज के प्रस्तावित दौरे पर सियासी विवाद छिड़ गया है. इस मामले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गई हैं. कांग्रेस कंगना पर बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम करते हुए उन पर इमरजेंसी फिल्म के बहाने इंदिरा गांधी को बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगा रही है. तो दूसरी तरफ बीजेपी यह सवाल खड़े कर रही है कि इंदिरा के नाम पर इतराने वाली कांग्रेस उन्हीं के द्वारा लगाई गई इमरजेंसी का जिक्र छिड़ते ही तिलमिला क्यों जाती है. कांग्रेस ने कंगना को प्रयागराज में घुसने नहीं देने का एलान किया है, तो वहीं बीजेपी ताल ठोंककर यह दावा कर रही है कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित देश की बेटी कंगना को योगी सरकार के क़ानून के राज में कोई भी प्रयागराज आने से जबरन रोक नहीं सकता
उनके प्रयागराज दौरे से पहले ही इमरजेंसी फिल्म को लेकर सियासी गलियारों में घमासान ज़रूर मच गया है.
इंदिरा के किरदार और emergency के हालात को और बेहतर तरीके से समझने के लिए वह जल्द ही संगम नगरी प्रयागराज आने वाली हैं. उस प्रयागराज में जहां इंदिरा गांधी का जन्म हुआ, जहां वह पली-बढ़ीं, जहां उन्होंने सियासत की एबीसीडी सीखी, जहां वानर सेना बनाकर उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका, जहां उनका ब्याह हुआ और जहां उन्होंने अपने पिता के चुनाव की कमान संभाली थी. कंगना उस प्रयागराज में आएंगी जो देश में इमरजेंसी लगाने का सबब बना, जहां के हाईकोर्ट के फैसले की वजह से देश में पहली और आख़िरी बार आपातकाल लगा, जहां रहने वाले जज का निर्णय देश में इमरजेंसी लगाने की वजह बना और जहां आनंद भवन व स्वराज भवन के रूप में इंदिरा का पुश्तैनी घर आज भी आबाद नज़र आता है. कंगना रनौत के प्रस्तावित प्रयागराज दौरे को हिट कराने और इस बहाने सियासी सरगर्मी बढाकर फिल्म को ज़्यादा से ज़्यादा publicity दिलाने की ज़िम्मेदारी Event Management की एक कंपनी को दी गई है. इवेंट कंपनी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ कंगना का 25 अगस्त के आस पास दो दिनों के लिए प्रयागराज आने का कार्यक्रम बन रहा है.
कंगना द्वारा इंदिरा गांधी की emergency के फैसले पर फिल्म बनाए जाने के फैसले से कांग्रेस पार्टी पहले ही तिलमिलाई हुई थी. इस तिलमिलाहट की बड़ी वजह यूपी विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कंगना द्वारा इंदिरा के व्यक्तित्व में काला अध्याय साबित होने वाले emergency पर फिल्म बनाकर उनके चरित्र का हनन करने की कोशिश है.
ऐसे में कांग्रेसियों को जैसे ही कंगना के प्रयागराज दौरे की सुगबुगाहट मिली है, वह और तल्ख़ हो गए हैं. UP कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता बाबा अभय अवस्थी ने तो कंगना को सीधे तौर पर BJP का एजेंट बता डाला. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता इंदिरा के विराट व्यक्तित्व पर खुद कोई सवाल खड़े करने की हैसियत में नहीं है, इसलिए वह कंगना को सामने रखकर इंदिरा को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं. बाबा अभय अवस्थी समेत कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने इमरजेंसी फिल्म और कंगना के प्रस्तावित प्रयागराज दौरे का पुरजोर विरोध करने की बात कही है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी और पूर्व नेता इंदिरा के खिलाफ Agenda चलाने वाली कंगना को प्रयागराज में घुसने नहीं दिया जाएगा.
कांग्रेस नेताओं के इस तल्ख़ रवैये पर बीजेपी ने हैरानी जताई है. बीजेपी नेता आशीष गुप्ता का कहना है कि प्रियंका वाड्रा समेत जो कांग्रेसी इंदिरा के नाम पर इतराते हैं, वह उन्ही के द्वारा लगाई गई इमरजेंसी का जिक्र होते ही बौखलाने क्यों लगते हैं. आशीष गुप्ता का कहना है कि मर्यादा में रहते हुए लोकतांत्रिक विरोध अपनी जगह है, लेकिन कंगना देश की बेटी है. वह राष्ट्रीय FILM पुरस्कार विजेता है, ऐसे में योगी सरकार के क़ानून के राज में कोई भी उनकी तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता.
इंदिरा गांधी के देश में इमरजेंसी लगाने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है. दरअसल, इंदिरा गांधी के खिलाफ रायबरेली से चुनाव हारने वाले समाजवादी नेता राज नारायण से चुनाव नतीजे को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. High Court में इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा की बेंच ने इंदिरा गांधी को न सिर्फ कोर्ट में तलब कर लिया था, बल्कि उनके निर्वाचन को भी रद्द कर दिया था. कोर्ट के इस फैसले के बाद सरकार पर सियासी संकट आने से ही इंदिरा ने देश में इमरजेंसी लगाने का फैसला किया था.
कंगना जितनी बेहतरीन अदाकारा हैं, उससे कम परख उन्हें सियासत की नहीं है. बीजेपी की सियासी पिच पर बैटिंग करना उन्हें ज़्यादा रास आता है.महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार और उसमे शामिल पार्टियों को उन्होंने कई बार परेशान किया है. कहा जा सकता है कि फिल्म इंडस्ट्री कंगना का पैसन है तो सियासत उनकी मंज़िल. यूपी में विधानसभा के चुनाव जल्द होने वाले हैं, ऐसे में कंगना रनौत के प्रयागराज और वाराणसी दौरे को फिल्म के साथ ही सियासी चश्मे से देखना कतई गलत भी नहीं होगा. अब देखने वाली बात यह होगी कि कंगना का दौरा और उनकी Emergency Film Congress Party को कितनी चोट देती है और BJP के पक्ष में किस तरह का माहौल बनाती है. जो कुछ भी होगा, वह भविष्य के गर्भ में है, लेकिन यह ज़रूर कहा जा सकता है कि एक बेहद विवादित विषय को उठाकर कंगना रनौत सुर्खियां बटोरते हुए अपना उल्लू साधने में ज़रूर कामयाब होती नज़र आ रही हैं.