बदायूं।जिला महिला अस्पताल में सीएमएस की मेहरबानी के चलते स्टोर कीपर के पद पर रहे मोहम्मद अशरफ 31 दिसंबर 2020 में सेवानिवृत्त हो गए।स्टोर कीपर के पद से सेवानिवृत्त हुए छह माह हो गए हैं।लेकिन पद स्टोर कीपर का काम वरिष्ठ सहायक का कर रहे हैं।सेवानिवृत्त हुए छह माह हो गए फिर भी स्टोर कीपर ने कुर्सी नही छोड़ी हैं। जबकि मौजूद रहे कनिष्ठ लिपिक को चार्ज नहीं दिया गया।बल्कि सात सौ किलोमीटर दूर दूसरे जनपद  तबादला कर दिया गया।और सीएमओ ऑफिस से वरिष्ठ सहायक को महिला अस्पताल ऑफिस अटैच कर दिया गया है।लेकिन वह भी मूर्ति की तरह ऑफिस में बैठे रहते हैं।जबकि इनको जेएसवाई का कार्य दिया गया हैं।मगर उनका कार्य कोई दूसरा व्यक्ति कर रहा है या जिनका काम भी स्टोर कीपर ही देख रहा हैं।और यह बात किसी से छुपी नहीं हैं।इसके लिए अस्पताल प्रशासन भलीभांति जनता हैं और जिम्मेदार भी हैं अगर इसकी उच्चाधिकारियों के द्वारा जांच होती है तो कई लोगों की कमियां उजागर हो जाएगी।
वरिष्ठ सहायक का कार्य सेवानिवृत्त स्टोर कीपर कर रहा हैं
स्टोर कीपर का (कैंटीजेंसी) का कार्य होता है।जैसे अस्पताल का सामान खरीदना और वितरण करने का काम होता हैं।लेकिन यह अकाउंट, डायड का कार्य,साफ सफाई आदि कई सालों से कार्य कर रहे हैं।
वरिष्ठ सहायक का कार्य डिस्पैच रजिस्टर वेतन भुगतान रजिस्टर,कैशबुक कंपनी पेमेंट बिल वाउचर आदि का कार्य होता है।मगर यह सभी काम खुद स्टोर कीपर कई सालों से कर रहे हैं।महिला अस्पताल की अगर उच्च अधिकारियों द्वारा स्थलीय जांच हो तो बहुत से कर्मचारी फसेंगे मगर जांच सिर्फ कागजों में होती हैं।
इस संबंध में सीएमएस डॉ रेखा रानी का कहना है कि मैं किसी भी बाबू को प्राइवेट तौर पर रख सकती हूं मेरे पास इसका भी शासनादेश हैं।