पौधारोपण करें, विनाशलीला से बचें: संजीव
- परंपराओं की तुलना में विवेक को दें महत्व
-तेहरवीं संस्कार पर किया पौधारोपण और यज्ञ
बदायूँ। समीपवर्ती गांव सकरी जंगल में परंपराओं की तुलना में विवेक को महत्व दिया गया। तेहरवीं संस्कार के दिन पिता की स्मृति में यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद गायत्री मंत्र के साथ पौधारोपण किया। देवकन्याओं ने पौधों का पूजन किया।
यज्ञवीर की उपाधि से विभूषित गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि पौधारोपण करें और विनाशलीला से बचें। युवा प्रकृति और पर्यावरण को सुरक्षित, संरक्षित और पोषित करने का युगधर्म निभाएं।
गायत्री परिजन सुखपाल शर्मा ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग जैसी त्रासदीपूर्ण घटनाएं घट रही हैं। जलवायु चरमरा गई है, मानव जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
समाजसेवी परमेंद्र शर्मा ने कहा कि हरीतिमा संवर्द्धन से खुशहाल जीवन और समस्याओं का निदान होगा।
सकरी जंगल निवासी संजीव शर्मा ने कहा कि वृक्ष पिता के तरह पोषण, संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करेंगे। उन्होंने अपने पिता स्व. चंद्रपाल शर्मा की स्मृति में तेहरवीं संस्कार के दिन यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद पौधारोपण का कार्य किया। अशोक, सहसूत, शीशम, सागौन के पौधे लगाए।
इस मौके पर राजीव शर्मा, परमेंद्र शर्मा, सत्यपाल पाली, हरजीव शर्मा, आयांश शर्मा, तपिस, सरला, आकांक्षा, धर्मवती, नेहा शर्मा, सर्वेश, मोहित, अभिनव, अक्क्षु, स्वीटी आदि मौजूद रहीं।