
मुकदमा लिखने के बाद बरेली के एक आईपीएस अधिकारी के ऑफिस में देखा गया भू माफिया चरनपाल सोबती..
बरेली। शहर के चर्चित बिल्डर चरनपाल सिंह सोबती और उनकी टीम पर गंभीर आरोप लगे हैं। बारादरी थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी, धमकी और जातिसूचक शब्दों के प्रयोग के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है।
सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव के आदेश पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर शुरू की जाँच।
गोल्डन ग्रीन पार्क में मकान खरीदने का था सौदा
बिहारीपुर निवासी आकाश पुष्कर ने बताया कि करीब 20 साल पहले उन्होंने अपनी पत्नी डॉ. सुषमा गौड़ियाल के नाम से शहर के गोल्डन ग्रीन पार्क में सोबती बिल्डर्स से मकान खरीदने का सौदा किया था। इस दौरान उन्होंने 8 लाख 32 हजार रुपये का भुगतान सोबती ग्रुप के कर्मचारियों को किया।
शिकायतकर्ता के अनुसार, उन्हें भुगतान की पक्की रसीद देने के बजाय कच्चा कागज दिया गया। जब उन्होंने असली रसीद मांगी तो उन्हें बताया गया कि “यह आयकर से बचने के लिए किया जाता है।”
बिल्डर ने बाद में रकम से मुकरा, फिर मांगे लाखों रुपये
आकाश पुष्कर के अनुसार, कई वर्षों बाद जब उनकी मुलाकात चरनपाल सोबती से हुई तो उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि आपके सिर्फ 50 हजार रुपये जमा हैं।
इसके बाद पीड़ित ने कानूनी लड़ाई शुरू की, तब सोबती ने पूरी रकम लेने की बात स्वीकार की। मगर मकान देने के नाम पर उनसे पहले 18 लाख और बाद में 54 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग की गई।
गाली-गलौज और धमकी का भी आरोप
पीड़ित ने बताया कि जब उन्होंने विरोध किया तो सोबती, उनकी फर्म की प्रबंधक अंजू रंधावा, अनूप कुमार पांडेय, कर्मचारी सुदर्शन और कुछ अन्य लोगों ने गाली-गलौज, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग और जान से मारने की धमकी दी।
आकाश पुष्कर ने कहा कि “मेरे और परिवार के साथ कुछ भी होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।”
पुलिस ने शुरू की जांच, स्थल का किया निरीक्षण
सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव के निर्देश पर बारादरी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण भी किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ पहले भी इसी तरह के विवाद और शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। फिलहाल पुलिस पूरे प्रकरण की साक्ष्य आधारित जांच कर रही है
पहले भी सरिया कारोबारी रोहिता गुप्ता के 93.35 लाख की धोखाधड़ी का सोबती पर लिखवाया मुकदमा..
बिल्डर सोबती बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड और सरिया कारोबारी रोहिता गुप्ता के बीच 93.35 लाख की डील में धोखाधड़ी हो गई। इस मामले में थाना कैंट में सोबती बिल्डर उनके बेटे, बेटी मैनेजर समेत पांच लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास, रंगदारी, मारपीट, जान से मारने की धमकी, बलवा समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
93.35 लाख में किया था सरिया का सौदा
बुखारा रोड पर गुलजारी लाल कंठीराम सरिया वालों के मालिक रोहित गुप्ता ने कैंट थाने में माडल टाउन के रहने वाले चरन पाल सिंह सोबती, उनके बेटे दिव्यजोत सिंह, आकृति सोबती, उनकी वरिंदर सिंह, प्रेमनगर में बीडीए कॉलोनी टीबरी नाथ मंदिर रोड के रहने वाले ललित गोयल, बड़ा बाजार में ख्वाजा कुतुब के रहने वाले दिनेश शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि उन्होंने सोबती बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड से 93.35 लाख में सरिया का सौदा किया था।
उत्तराखंड के रुद्रपुर में भी लिखा गया सोबती पर मुकदमा,पुलिस ने दी थी दबिस, सोबती दीवार कूद कर भागा था..
बरेली। जमीन कब्जाने के लिए कुख्यात बरेली के बिल्डर अब उत्तराखंड तक बदनामी करा रहे हैं। पूर्व में नहर की जमीन कब्जा कर ग्रीन पार्क कॉलोनी विकसित करने को लेकर चर्चा में आए बिल्डर चरनजीत सिंह सोबती और उनके साथियों के खिलाफ उत्तराखंड के रुद्रपुर में जमीन कब्जाने की कोशिश के आरोप में रिपोर्ट कराई थी
सोबती बिल्डर्स फर्म के निदेशक चरनपाल सिंह, सुरजीत सिंह, सुरजीत की पत्नी सुरजीत कौर तथा मनप्रीत सिंह के खिलाफ 26 अगस्त को उत्तराखंड के रुद्रपुर थाने में प्राथमिकी लिखी गई थी। फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन की धोखाधड़ी व जान से मारने की धमकी देने के आरोप में नई काशीपुर निवासी रितेश डाबर ने फर्जीवाड़े की शिकायत एसएसपी से की तो मामला दर्ज किया गया। गांव कोलड़ा में गदरपुर निवासी ज्योति ग्रोवर से उन्होंने जो भूखंड खरीदा था, उसकी तारबाड़ करा रहे थे। तभी बरेली निवासी सुरजीत सिंह, ग्रीन पार्क बरेली निवासी दिव्य जोत सिंह व राजीव पहुंचे। इन्होंने जमीन को अपना बताकर काम रुकवा दिया।
फर्जीवाड़े के इस मामले में रुद्रपुर थाना पुलिस की टीम ने दरोगा विकास कुमार के साथ बरेली में बारादरी पुलिस के साथ दबिश दी थी प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आरोपी दीवाल कूदकर भाग गए थे, टीम दोबारा बरेली आकर गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी लेकिन उत्तराखंड के ऊपर के अधिकारी को मैनेज कर लिया गया जिसके बाद उक्त बिल्डर गिरफ्तारी के लिए स्टे ले आये।
नहर कब्जाने वाले सोबती ब्रदर्स पर अफसर मेहरबान
चरनपाल सिंह सोबती और उसके भाई नैनजीत सिंह सोबती ने ग्रीन पार्क कॉलोनी विकसित की थी। विकास के बहाने बिल्डर ने उस नहर को भी पाट दिया जो कॉलोनी के एक हिस्से से होकर बहती थी। प्रशासन कार्रवाई के प्रयास करता रहा, लेकिन नहर विभाग के अफसर सोबती ब्रदर्स पर मेहरबान रहे। नहर की जमीन कब्जाने की फाइल अफसरों ने ऐसी दबाई कि कई साल बाद भी पता नहीं चला। अवैध तरीके से नहर की जमीन कब्जाने में प्रारंभिक रूप से दोषी पाए गए सोबती ब्रदर्स के खिलाफ पहले 1.09 करोड़ की आरसी और फिर गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। बिल्डर के अनुरोध पर हाईकोर्ट ने तीन महीने का स्टे जारी किया। बताते हैं कि अफसरों ने न तो स्टे को चुनौती दी और न उसकी अवधि खत्म होने के बाद कार्रवाई की। मामले में तहसीलदार व नहर विभाग के अफसरों का पत्राचार चल रहा है
इसके अलावा सोबती पर एक और भी मुकदमा 2003 से 2005 के बीच में लिखा गया था जिसमें तत्कालीन इंस्पेक्टर बारादरी हर प्रसाद सोबती को घसीटते हुए गाड़ी में डालकर थाने ले गए थे बाद में राजनीतिक दबाव के कारण सोबती को छोड़ दिया गया..