भिवाड़ी/खैरथल-तिजारा।
दिवाली की रौशनी और खुशियों के बीच अब हवा में घुलने लगा है ज़हर। औद्योगिक नगरी भिवाड़ी की वायु गुणवत्ता (AQI) 335 तक पहुंच चुकी है, जो ‘गंभीर श्रेणी’ में गिनी जाती है। वहीं, भिवाड़ी से सटे हरियाणा के धारूहेड़ा का AQI 377 दर्ज किया गया है, जिसके बाद वहां GRAP-2 की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट ने केवल “ग्रीन पटाखों” की बिक्री की अनुमति दी थी, लेकिन ग्रीन पटाखों की आड़ में भारी मात्रा में जहरीले पटाखे भी चलाए गए, जिससे हवा में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ गया। स्थिति यह है कि सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है।
भिवाड़ी, खैरथल और तिजारा क्षेत्र में प्रदूषण का असर अब साफ तौर पर महसूस किया जा रहा है। आसमान धुंध से ढका है और सुबह-शाम आंखों में जलन के मामले बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में यह क्षेत्र “गैस चेंबर” में तब्दील हो सकता है।
GRAP-2 लागू होने के बाद निर्माण कार्यों पर आंशिक रोक, डीज़ल जेनरेटर के उपयोग पर प्रतिबंध, कोयला व लकड़ी के जलाने पर रोक, तथा सड़कों पर धूल नियंत्रण हेतु पानी के छिड़काव की अनिवार्यता जैसे प्रावधान लागू हो जाते हैं।
फिलहाल राजस्थान की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं दिख रही। प्रशासन की लापरवाही और औद्योगिक उत्सर्जन पर नियंत्रण की कमी से हालात और बिगड़ सकते हैं।
अगर हवा में यह जहर यूं ही फैलता रहा, तो दिवाली की मिठास अब सांसों की कड़वाहट में बदल सकती है।
भिवाड़ी-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया है — “यह अब सिर्फ चेतावनी नहीं, आपात स्थिति की दस्तक है।”
