
बरेली दंगा नियंत्रण : पुलिस-प्रशासन की सख्त कार्रवाई से बहाल हुई शांति
बरेली, सितम्बर 2025।
बरेली में बिगड़े माहौल को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और प्रशासन ने जिस तेजी व कड़ाई से कार्रवाई की, उसने शहर को राहत की सांस दी है। मौलाना तौकीर रजा को जेल भेजने के बाद अब उनका करीबी नदीम कुरैशी भी पुलिस गिरफ्त में आ चुका है। दंगाइयों पर की जा रही लगातार कार्रवाई से शहर की जनता में पुलिस-प्रशासन के प्रति भरोसा और प्रशंसा की लहर है।

56 आरोपी जेल में, 300 से अधिक चिन्हित
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार अब तक तौकीर रजा समेत 56 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं, जबकि लगभग 300 संदिग्धों को चिन्हित किया गया है। अब तक 10 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और पुलिस लगातार आरोपियों की धरपकड़ कर रही है।
एक और मुख्य आरोपी डॉक्टर नफीस की तलाश
पुलिस अब एक अन्य मुख्य आरोपी डॉ. नफीस की तलाश में जुटी हुई है। सूत्रों के अनुसार उनकी अवैध संपत्तियों पर बुलडोज़र चलाने की तैयारी है। उनके फार्म लान, होटल स्काईलार्क और फ्लोरा गार्डन सहित कई बड़े प्रतिष्ठानों को पहले ही सील किया जा चुका है।
हाथ जोड़कर माफी मांगते दिखाई दिये बबाल के आरोपी

गिरफ्तारी के बाद पुलिस की सख्ती का असर साफ दिखाई दिया। सभी आरोपी लंगड़ाते हुए चलते नजर आए और हाथ जोड़कर माफी मांगते दिखाई दिए। वे बार-बार यही कहते दिखे कि “हमसे गलती हो गई, हमें माफ कर दो, आगे से ऐसी गलती नहीं करेंगे।”
कल तौकीर रजा के करीबी नदीम कुरैशी समेत 28 लोगों की की गई थी गिरफ्तारी..
खास सहयोगी नदीम कुरैशी को भी गिरफ्तार कर लिया है। उसके साथ 28 अन्य उपद्रवियों को भी हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।
डीआईजी अजय साहनी ने SIT का किया गठन..

डीआईजी अजय साहनी ने इस मामले की गहन जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित कर दी है। इसको पुलिस अधीक्षक नगर मानस पारीक की अध्यक्षता में गठित किया गया है यह टीम बरेली बवाल से जुड़े हर पहलू की बारीकी से पड़ताल करेगी और दोषियों को कानून के शिकंजे में लाएगी।

अवैध निर्माणों पर भी कार्रवाई
सिविल लाइंस क्षेत्र में मजार की आड़ में बनाए गए 36 दुकानों को नगर निगम ने सील कर दिया है। माना जा रहा है कि इन अवैध ढाँचों पर भी जल्द बुलडोज़र चल सकता है।
अधिकारियों की सख्ती और जनता का भरोसा
इस पूरे अभियान में एडीजी, डीआईजी, एसएसपी, कमिश्नर और डीएम की सीधी निगरानी रही।
आईपीएस मानुष पारीक, आईपीएस अंशिका वर्मा, एडीएम सिटी सौरभ दुबे, सिटी मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री, आईपीएस शिवम आशुतोष और आईपीएस सोनाली मिश्रा, सीओ पंकज श्रीवास्तव, Co आसुतोष शिवम सहित अधिकारियों ने मोर्चा संभालकर दंगाइयों को कानून का सख्त संदेश दिया।
जनता खुले तौर पर अधिकारियों की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रही है और कह रही है कि अब “बरेली में खुरपतियों की जगह नहीं, सीधे जेल भेजा जाएगा।”

आर्थिक नुकसान थमा, व्यापारियों ने जताया आभार
दंगों के चलते बरेली को रोज़ाना कई सौ करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा था। लेकिन पुलिस-प्रशासन की सख्ती से महज़ एक दिन में हालात नियंत्रित हो गए। इंटरनेट सेवाएँ बहाल होने के बाद व्यापारियों ने सरकार और प्रशासन का स्वागत किया और राहत की सांस ली।
20 साल पुरानी आग पर “बर्फ का मरहम”
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बरेली में पिछले दो दशकों से समय-समय पर तनाव की आग भड़कती रही है, लेकिन इस बार प्रशासन की निर्णायक कार्रवाई ने “बर्फ का मरहम” लगाया है।

कब क्या हुआ : घटनाक्रम
आवाहन और भीड़ का जमावड़ा
मौलाना तौकीर रज़ा ने अपने समर्थकों से अपील की थी। इस आह्वान के बाद अचानक शहर के संवेदनशील इलाकों में भीड़ जुटनी शुरू हो गई। नारेबाजी और आक्रोश बढ़ने लगा जिससे स्थानीय प्रशासन के लिए स्थिति को संभालना चुनौतीपूर्ण हो गया।

पथराव और तनाव
जगह-जगह पथराव की घटनाएँ सामने आईं। भीड़ ने पुलिस बल पर भी दबाव बनाने की कोशिश की। हालात और न बिगड़ें, इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
पुलिस का लाठीचार्ज
तनाव फैलता देख पुलिस ने मजबूरन लाठियां चलाईं। भीड़ को तितर-बितर किया गया और उपद्रवियों को पकड़ने के लिए धर-पकड़ शुरू हुई। लाठीचार्ज के बाद हालात काबू में आने लगे और शहर में धीरे-धीरे शांति लौटने लगी।

मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी
घटनाओं के बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए मौलाना तौकीर रज़ा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उनके करीबी नदीम कुरैशी को भी हिरासत में लिया गया। अब तक दर्जनों दंगाइयों को जेल भेजा जा चुका है जबकि सैकड़ों को चिन्हित कर कार्रवाई जारी है।
पुलिस -प्रशासन की सक्रियता
घटनाक्रम के दौरान एडीजी, डीआईजी, एसएसपी, कमिश्नर और डीएम लगातार निगरानी में रहे। अधिकारियों ने मौके पर पहुँचकर स्थिति पर नियंत्रण किया और आम जनता को सुरक्षा का आश्वासन दिया।