बदायूं। जिला अस्पताल में बुखार का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। हालात यह हैं कि मौसम बदलने के कारण घर-घर में लोग बीमार हैं। मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार को जिला अस्पताल में लगभग 1900 मरीज पहुंचे थे। जिसमें 150 मलेरिया 80 डेंगू 160 टाइफाइड 76 हेपेटाइटिस बी 70

हेपेटाइटिस सी 64 एचआईवी की जिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में जांच हुई थी। जिसमें वायरल बुखार के सर्वाधिक मरीज पहुंच रहे है। वहीं निजी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है। जिला अस्पताल में, सोमवार,मंगलवार, बुधवार को

लंबी लाइन लगी रही दोपहर दो बजे तक अस्पताल में भीड़ भाड़ रही। इसमें सबसे ज्यादा मरीज वायरल बुखार के आए मौसम का मिजाज हर बदल रहा है। कभी धूप-छांव तो कभी बारिश के चलते लोगों की सेहत पर असर पड़ रहा है।वायरल की चपेट में लोग आ रहे हैं। बच्चों से लेकर बुजर्ग तक बीमार हो रहे हैं। शहर के साथ देहात क्षेत्रों में घर-घर बीमार हो रहे हैं। बुखार के मरीजों की

संख्या बढ़ने के कारण निजी और सरकारी अस्पतालों में लगातार भीड़ इजाफा कर रही है। मंगलवार को सुबह से जिला अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। पर्चा काउंटर, दवा काउंटर, ओपीडी और पैथोलॉजी लैब पर जांच करने के लिए भीड़ रही। दोपहर दो बजे तक सबसे ज्यादा मरीज बुखार, खांसी और जुकाम के आए।

जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ एसएम कमल ने बताया कि ऐसे मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही आपको बीमार कर सकती है। इसलिए खानपान पर ध्यान दें। घरों के आसपास जलभराव न होने दें।
मौसमी वायरल बुखार एक आम स्वास्थ्य समस्या है,

खासकर मौसम परिवर्तन के दौरान। बहुत से लोगों को बुखार, शरीर में दर्द और थकान जैसे लक्षण महसूस होते हैं, जिससे वे कमज़ोर और थका हुआ महसूस करते हैं। लेकिन मौसमी वायरल बुखार वास्तव में क्या है, ये क्यों होता है और आप खुद को बीमार होने से कैसे बचा सकते हैं।
हम मौसमी वायरल बुखार के कारणों, उनके फैलने के तरीके और सबसे महत्वपूर्ण बात, उन्हें रोकने के तरीकों के बारे में जानेंगे।

मौसमी वायरल बुखार क्या है?
मौसमी वायरल बुखार विभिन्न वायरस के कारण होने वाली बीमारियों को संदर्भित करता है जो कुछ खास मौसमों में पनपते हैं, खासकर मानसून या सर्दियों जैसे मौसमों के बीच संक्रमण के दौरान। ये बुखार अक्सर शरीर के उच्च तापमान, ठंड लगना, शरीर में दर्द, सिरदर्द और कभी-कभी बहती नाक या गले में खराश जैसे लक्षणों का होना

मलेरिया वायरस, डेंगू वायरस या यहां तक कि सामान्य सर्दी के वायरस भी मौसम में होने वाले इन बदलावों के दौरान पनपते हैं, जिससे लोग संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। इन समयों के दौरान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर हो सकती है, खासकर अगर व्यक्ति पर्याप्त सावधानी नहीं बरत रहा है तो यह समस्याएं आ सकती है। इस संबंध में सीएमएस डॉ कप्तान सिंह से फोन पर बात करनी चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।