विकसित उत्तर प्रदेश@2047 : प्रबुद्धजनों के सुझावों के साथ बरेली में संवाद

बरेली, 09 सितम्बर।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, बरेली के तत्वावधान में विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश अभियान के अंतर्गत आज भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) सभागार में प्रगतिशील कृषकों, कृषि छात्रों, वैज्ञानिकों, एफपीओ सदस्यों व प्रबुद्धजनों के साथ संवाद स्थापित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने 2047 के विजन डॉक्यूमेंट हेतु अपने-अपने सुझाव साझा किए।

नागरिक सहभागिता से बनेगा विजन डॉक्यूमेंट

अधिकारियों ने बताया कि “विकसित उत्तर प्रदेश@2047” का रोडमैप सभी नागरिकों की सहभागिता से तैयार किया जा रहा है।

  • नागरिक अपने सुझाव 05 अक्टूबर तक samarthuttarpradesh.up.gov.in पोर्टल पर भेज सकते हैं।
  • प्रत्येक परिवार से एक सुझाव देने की अपील की गई है।
  • श्रेष्ठ सुझावों को विजन डॉक्यूमेंट में शामिल करने के साथ-साथ सम्मानित भी किया जाएगा।

प्रमुख मुद्दे : शिक्षा से उद्योग और कृषि से स्वास्थ्य तक

संवाद सत्र में शिक्षा, औद्योगिक विस्तार, पर्यटन, स्वास्थ्य, कृषि और रोजगार पर विशेष फोकस किया गया।

प्रबुद्धजनों के विचार

  • पूर्व आईपीएस प्रशांत कुमार ने कहा कि “समय के साथ टेक्नोलॉजी को अपनाना मानव विकास का मूल मंत्र है। विकसित भारत के लक्ष्य को पाने में यूपी की भूमिका अहम होगी।” उन्होंने बेहतर कानून व्यवस्था और नवाचारों को विकास का आधार बताया।
  • नोडल अधिकारी व प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग सौरभ बाबू ने कहा कि कृषि क्षेत्र की विकास दर बढ़ाकर ही हम राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को गति दे सकते हैं। उन्होंने उत्पादन के साथ-साथ प्रोडक्टिविटी बढ़ाने वाली नीति पर जोर दिया।
  • IVRI के पूर्व निदेशक अशोक कुमार वर्मा ने सुझाव दिया कि पशुओं को बीमा कवर दिया जाए, नस्ल सुधार व प्रोसेसिंग प्लांट गांव-गांव लगाए जाएं और किसानों को वाजिब दाम दिलाने की व्यवस्था बने।
  • IVRI निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने बताया कि संस्थान ने अब तक 50 वैक्सीन विकसित की हैं। 2047 तक और कई पशुजनित बीमारियों के उन्मूलन हेतु नई वैक्सीन विकसित करने का लक्ष्य है।

जिलाधिकारी का संदेश

जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता में से प्रत्येक परिवार का सुझाव आवश्यक है। उन्होंने बताया कि—

  • जनपद में 93,000 से अधिक सोलर पंप आवंटित किए गए।
  • दलहन व तिलहन उत्पादन में 56% की बढ़ोतरी हुई।
  • किसानों के खातों में डीबीटी के जरिए धनराशि भेजी जा रही है।
  • 14 लाख परिवार स्वयं सहायता समूहों से समृद्ध हो रहे हैं।

उन्होंने किसानों से परंपरागत खेती के बजाय व्यवसायिक खेती अपनाने का आह्वान किया, ताकि आय और समृद्धि दोनों बढ़ सके।

किसानों की भागीदारी

संवाद में कृषकों ने भी अपने सुझाव रखे—

  • गांवों में संसाधनों की उपलब्धता बढ़े ताकि पलायन रुके।
  • मौसम की जानकारी हेतु उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
  • गन्ना किसानों को चीनी मिल में हिस्सेदारी दी जाए।
  • गन्ना मूल्य भुगतान हेतु कड़े कानून बने।
  • गौमूत्र व गोबर के सदुपयोग की दिशा में पहल हो।
  • ड्रैगन फ्रूट जैसी नकदी फसलों को बढ़ावा दिया जाए।

समापन

इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक रमित शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक अजय कुमार साहनी, मुख्य विकास अधिकारी देवयानी, पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारीक सहित समस्त संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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