अभियान चलाकर सभी विभागों में भरे जाए पूर्व सैनिकों को आरक्षित पद।
अतुलनीय है भारतीय सेना का शौर्य और सामर्थ्य ।
सूचना के अधिकार का लोकहित में प्रयोग करें सूचना कार्यकर्ता।
बदायूं। जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के तत्वावधान मे २१४वे सूचना कार्यकर्ता प्रशिक्षण/विधिक सेवा शिविर का आयोजन संगठन के शिवपुरम बदायूं स्थित मुख्यालय पर आयोजित किया गया। सूचना कार्यकर्ताओं की कठिनाइयों का निवारण किया गया तथा लोकहित में सूचना अधिकार के प्रयोग के तरीके भी बताए गए। आप्रेशन सिंदूर और भारतीय सेना के शौर्य और सामर्थ्य की भी सराहना की गई। साथ ही वर्ष 2026 में सम्भावित पंचायत चुनाव के दृष्टिगत सूचना कार्यकर्ताओं की सक्रियता पर भी बल दिया गया।

इस अवसर पर जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के अध्यक्ष/ संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट ने कहा कि भारतीय सेना का शौर्य, साहस, सामर्थ्य और पराक्रम अतुलनीय है। आप्रेशन सिंदूर के पश्चात देश भर में सैनिकों के प्रति आस्था प्रदर्शन हेतु आयोजन हो रहे हैं, पूर्व सैनिकों को सम्मान दिया जा रहा है, किंतु केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों के लिए सभी विभागों में आरक्षित पद पर पूर्व सैनिकों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। पूर्व सैनिकों का सच्चा सम्मान तभी होगा जब उनके लिए आरक्षित पद अभियान चलाकर भरे जाए। पूर्व सैनिकों को आरक्षित पद अभियान चलाकर भरे जाने से सभी सरकारी दफ्तरों में फौजी दिखाई देने लगेगे, जिससे सरकारी दफ्तरों में अनुशासन स्थापित होने के साथ ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
राठौड़ ने कहा कि जनपद में अग्निकांड की घटनाओं से स्पष्ट हो गया है कि जनपद बदायूं में अग्निशमन विभाग के पास आधुनिक उपकरणों सहित अन्य आवश्यक संसाधनों का अभाव है। इसी प्रकार भागीरथ घाट कछला पर श्रधालुओं के डूबने की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है किंतु दुर्घटना रोके जाने हेतु यथोचित उपाय नहीं हो रहे हैं। संगठन द्वारा ३० मई २०२५ को जिलाधिकारी बदायूं के माध्यम से पूर्व सैनिकों को आरक्षित पद अभियान चलाकर भरे जाने, अग्निशमन विभाग को सुदृढ़ करने तथा भगीरथ घाट कछला पर श्रद्धालुओं की मौतें रोके जाने हेतु आवश्यक उपाय किए जाने की मांग को लेकर मांगपत्र देश के राष्ट्रपति, व प्रधानमंत्री तथा प्रदेश के राज्यपाल व मुख्यमंत्री को प्रेषित किए जाएंगे।

श्री राठोड़ ने कहा कि नागरिकों में चेतना का ही परिणाम है कि निरन्तर घूसखोर पकड़े जा रहे हैं किन्तु घूसखोरी पर अंकुश नहीं लग रहा है। घूसखोरी की घटनाओं में वृद्धि सभ्य समाज में कलंक हैं। जिन कार्यालयों में घूसखोर पकड़े जा रहे है उन कार्यालयों की निगरानी के साथ ही कार्यालय अध्यक्ष की भूमिका की जाँच भी आवश्यक है। घूसखोरी की घटनाओं पर बड़े अधिकारियों का मौन संदेहास्पद है। घूसखोरी रोकने हेतु प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई उपाय नहीं किए जा रहे है। सूचना के अधिकार और जनहित गारंटी कानून के निष्प्रभावी होने के कारण घूसखोरी बढ़ रही है।
योजना बैठक में प्रमुख रूप से मार्गदर्शक धनपाल सिंह, संरक्षक एम एल गुप्ता , सुरेश पाल सिंह चौहान, केंद्रीय कार्यालय प्रभारी/ महासचिव रामगोपाल, प्रदेश समन्वयक सतेंद्र सिंह गहलौत, मंडल समन्वयक एम एच कादरी, जिला समन्वयक आर्येंद्र पाल सिंह, एच एन सिंह,, सह तहसील समन्वयक मो इब्राहीम, कृष्ण गोपाल आदि की सहभागिता रही।






