
बदायूं। जिला महिला अस्पताल के लेबर रूम की अवैध वसूली की तमाम शिकायतें सामने आ रही है उसके बावजूद प्रशासन लेबर रूम स्टॉफ पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। लेबर रूम स्टॉफ बिना सुविधा शुल्क के हाथ भी नहीं लगता है। सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा रही है महिला अस्पताल में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसकी सजा प्रसूताएं भुगत रही हैं। अस्पताल में प्रसूताएं पहुंचने पर तुरंत भर्ती नहीं किया जाता है। पहले प्रसूताओं को इंतजार कराया जाता है, उसके बाद डिलीवरी की सौदेबाजी होती, फिर भर्ती किया जाता है। लेबर स्टॉफ के इस व्यवहार से प्रसूताएं भी परेशान हो चुकी हैं।

सूत्रों की मानें तो महिला अस्पताल भ्रष्टाचार का एक अड्डा बन गया है। खासकर लेबर रूम में डाक्टर-कर्मचारियों ने डिलीवरी का रेट खुला कर दिया है, बिना सुविधा शुल्क के प्रसूताओं को भर्ती तक नहीं किया जाता है।अस्पताल में अव्यवस्था फिर चरम पर पहुंच गई है। प्रसव कराने के नाम पर वसूली शुरू हो रही है। लेबर रूम के स्वास्थ्य कर्मी तीमारदारों से अच्छी-खासी रकम ऐंठ रहे हैं। रकम नहीं देने पर गर्भवती को सीरियस बताकर लेबर रूम स्टॉफ रेफर करने में संकोच नहीं कर रहे हैं। हाल में ऐसे दो मामले सामने आ चुके हैं। दो से पांच हजार रुपये गर्भवती के तीमारदारों से मांगे गए। नहीं देने पर रेफर कर दिया गया। महिला अस्पताल के लेबर रूम का बुरा हाल है। ऐसा नहीं कि अधिकारियों की नजर नहीं पड़ रही है मगर वह अनदेखी कर रहे हैं।
रिपोर्टर- भगवानदास






