बदायूं। बरेली के वरिष्ठ शायर डॉ अम्न बरेलवी कारवाने अमजद अकादमी के संस्थापक/अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध शायर अहमद अमजदी बदायूंनी से मुलाकात करने बदायूं पहुंचे थे। जहां उनके सम्मान में नवादा स्थित कांग्रेस के पीसीसी सदस्य चौधरी वफाती मियां के आवास पर कारवाने अमजद अकादमी के बैनर तले सादिक अलापुरी की सदारत व राजवीर सिंह तरंग की निज़ामत शेयरी नशिस्त का आयोजन किया गया।जिसमें डॉ अम्न बरेलवी मुख्य अतिथि और चौधरी वफाती मियां विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।


नशिस्त का आगाज़ डॉ अम्न बरेलवी ने नात ए पाक और राजवीर सिंह तरंग ने सरस्वती वंदना पढ़कर किया।

डा. अम्न बरेलवी ने फरमाइश पर कई ग़ज़लें सुनाई जिन्हें सामईन ने खूब दाद ओ तहसीन से नवाज़ा
किस क़दर इंसानियत किरदार में मौजूद है,
इक ब्राह्मण शेख़ के दरबार में मौजूद है।

अहमद अमजदी बदायूंनी ने तरन्नुम में सुनाया –
गर आप मुहब्बत के तरफदार नहीं हैं,
मेरी नज़र में साहिबे किरदार नहीं हैं।

सादिक अलापुरी ने कहा –
गश्त करती हैं खुशबुएं उस दम,
जब कलंदर जमीं पे सोता है।

डा. अरविंद धवल ने पढ़ा –
नशे में हम किसी हद से गुज़र जाएँ तो क्या कीजै।
क़दम ये बेखुदी में भी उधर जाएँ तो क्या कीजै।।
ये माना तीर औ तलवार के माहिर खिलाड़ी हैँ,
किसी के बोल सीने में उतर जाएँ तो क्या कीजै।।

शम्स मुजाहिदी बदायूंनी ने अपने अंदाज में कहा कि –
ज़बां काट दी जाती है जो भी सच बोले,
हमारे मुल्क़ में जब से निज़ाम उनका है।

राजवीर सिंह ‘तरंग’ ने सुनाया –
गुरूर तेरा है कुछ पलों का, बदन के जब तक सफ़र में है तू,
जहां में जाकर कहीं रहे तू मगर खुदा की नजर में है तू।

शैलेन्द्र मिश्र ‘देव’ ने कहा –
लगे जो ऑंख सितारों की काम हो जाए,
अज़ीज़ चॉंद से तन्हा सलाम हो जाए।

अमान फ़र्रूख़ाबादी ने पढ़ा –
हर घड़ी हर पहर बुलाया मुझको,
इश्क़ के झूले में झुलाया मुझको।
इससे पूर्व सभी कवियों व शायरों का फूल मालाओं से स्वागत किया गया।
विशिष्ट अतिथि कांग्रेस के पीसीसी सदस्य चौधरी वफाती मियां ने सभी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि ऐसे अदबी कार्यक्रम होते रहने चाहिए। इस तरह के कार्यक्रमों से हमारी गंगा जमुनी तहजीब को मजबूती मिलती हैं। और आपस में भाईचारा कायम रहता है आखिर में दो मिनट मौन धारण कर के पहलगाम के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई मुशायरे में मोहसिन सिद्दीकी,असलम सिद्दीकी, शाहनवाज़ क़ादरी,मु० अली, गुड्डू भाई आदि मौजूद रहे।

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