श्रेष्ठ कार्यों में लगा श्रम, धन, और साधना व्यर्थ नहीं जाती: संजीव
-यज्ञ से भावनाऐं पवित्र, जीवाणुओं, विषाणुओं का शमन और जीवनी शक्ति का संवर्धन
-कोरोना महामारी, वर्तमान समस्याओं के निराकरण और सूक्ष्म जगत के परिशोधन के लिए किया यज्ञ
बदायूँ। अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में प्रेममिल कंपाउड में कोरोना मुक्ति गायत्री महायज्ञ हुआ। श्रद्धालुओं ने कोरोना महामारी, वर्तमान समस्याओं के निराकरण, सूक्ष्म जग़त के परिशोधन और विश्व शांति की कामना से गायत्री महामंत्र की विशेष आहुतियां यज्ञ भगवान को समर्पित कीं।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि यज्ञ से सभ्य, संस्कृति और संस्कारों को पोषण मिलता है। भावनाऐं पवित्र होती हैं। यज्ञीय ऊर्जा से जीवाणुओं, विषाणुओं का शमन और जीवनी शक्ति संवर्धन होता है। श्रेष्ठ कार्यों में लगा श्रम, धन, और साधना व्यर्थ नहीं जाती है। श्रेष्ठ संस्कारों से ही पवित्र वातारवण, मानव देवत्व और धरती पर स्वर्ग का अवतरण होगा। मनुष्य जीवन को बहुमूल्य बनाने और महान लक्ष्य को पाने के लिए चुनौतियों को स्वीकारें।
मुख्य यजमान भानु प्रताप सिंह, अनीता तोमर रहीं। राजीव सिंह और अनीता तोमर ने मुख्य दीप प्रज्ज्वलित कर शक्तिकलश का पूजन किया। मातृशक्तियों और देवकन्याओं ने यज्ञ भगवान की भव्य आरती की। श्रद्धालुओं ने विश्व कल्याण के लिए गायत्री मंत्र का जप, तप, साधना, स्वाध्याय, संयम, सेवा के अलावा समयदान और अंशदान का संकल्प भी लिया। इस मौके पर राजीव सिंह, अनीता तोमर, अंकुर तोमर, अनामिका तोमर, भानु प्रताप सिंह, पारस तोमर, अजय चैहान, आर्येंद्र तोमर, विजय चैहान आदि मौजूद रहे।