Bareilly: Bone pain giving effect of second wave of corona
CORONA धीरे धीरे कम होता नज़र आ रहा है लेकिन संक्रमण की जद में आए करीब 43 हजार से अधिक लोगों मे से करीब 35 हजार लोग कोरोना संक्रमण से ठीक भी हो गए। लेकिन ठीक होने के बाद इन लोगों में अन्य कई तरह स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही है। कोरोना से जीतने वाले कुछ लोगों में POST COVID के लक्षणों में हड्डियों से संबंधित समस्याएं सामने आ रही हैं।
जिला अस्पताल में टेलीमेडिसिन के माध्यम से लोग जानकारी दे रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार CORONA के दूसरी लहर के बढ़ती उम्र के साथ कमजोर हड्डियों पर कोरोना संक्रमण की मार पड़ी है। home isolation में रहकर कोरोना को हराने वाले मरीजों के फेफड़ों पर भी असर पड़ा है
जिला अस्पताल व निजी अस्पतालों के चिकित्सकों के पास पिछले माह में करीब 100 से अधिक फोन आए। इनमें सबसे ज्यादा घुटनों में दर्द, कमजोरी की समस्या बता रहे हैं।
जिला अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ के अनुसार CORONA संक्रमितों को विटामिन डी न मिल पाने की वजह से भी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्रमितों को 10-15 दिन तक आइसोलेशन में रखा जाता है, जहां उन्हें पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं मिल पाता है। विटामिन डी एक ऐसा सोर्स है, जिससे हड्डियों को मजबूती मिलती है, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने लंबे समय से होम आइसोलेशन में रहने को मजबूर कर दिया।
विशेषज्ञों के अनुसार ये एक गंभीर बीमारी है फिर भी लोगों में इसके बारे में पता नहीं है। यह समस्या महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है,लेकिन पुरुषों में भी इसके लक्ष्ण देखने को मिल जाते हैं। यह हड्डियों को कमजोर और कोमल बनाती है। इस बीमारी के चलते जरा सी चोट लगने पर भी हड्डियों में फ्रेक्चर हो सकता है।
“कोरोना संक्रमित होने की वजह से मरीजों को 10-12 दिन होम आइसोलेशन व कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाता है। इस दौरान इनको पर्याप्त मात्रा में vitamin D नहीं पाता है, जिस वजह से पोस्ट कोविड में हड्डियों से संबधित समस्याएं आ रही हैं। ऐसे मरीजों को चिकित्सकों से परामर्श अवश्य लेना चाहिए।” -डा. रंजन गौतम, जिला सर्विलांस अधिकारी