पैथोलॉजी लैब के बोर्ड पर डॉ सलीम बीएससी, एमबीबीएस लिखकर जनता को कर रहा,गुमराह
बदायूं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में फैले झोलाछाप डॉक्टरो फर्जी पैथोलॉजी लैब के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए मुख्य स्वास्थ्य सचिव को आदेश दिए थे। जिसमें कहा अवैध पैथोलॉजी लैब संचालकों सीधा जेल भेजा जाए।
जगत सीएचसी क्षेत्र में अवैध झोलाछाप डाक्टर और मेडिकल पैथोलॉजी लैब, अल्ट्रासाउंड सेंटर का बहुत बड़ा नेटवर्क फैला हुआ है, अवैध पैथोलॉजी लैब संचालक बिना पंजीकरण के लैब का संचालन कर रहे हैं ग़लत रिपोर्ट से गरीब जनता की लीवर किडनी खराब हो रही है। वैसे भी मौसमी बुखार का समय चल रहा है।
बिना रजिस्ट्रेशन के पैथोलॉजी लैब संचालित की जा रही थी। इतना ही नहीं लैब संचालक ने अब तक सैकड़ों मरीजों की जांच कर डाली, लेकिन मुख्यमार्ग पर होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की उस पर नजर नहीं पड़ी। लैब के अवैध संचालन की शिकायत होने पर विभाग ने अभी तक लैब को सील नहीं किया है।
कस्बा जगत मेन मार्केट में पैथोलॉजी लैब संचालक मोहम्मद शादाब बिना डिग्री,पंजीकरण के लैब का संचालन कर रहा हैं जिसने फर्जी तरीके से दुकान के शटर पर डॉक्टर सलीम बीएससी,एमबीबीएस लिखवा रखा हैं जबकि उस नाम का वहां कोई डाक्टर नहीं बैठता है जिसका स्वास्थ्य विभाग में कोई पंजीकरण नहीं है। अपनी दबंगई के बल पर लैब का संचालन कर रहा हैं उसने अपनी दुकान के आगे शटर पर डॉ सलीम बीएससी एमबीबीएस लिखकर लोगों को गुमराह कर रहा है और फर्जी रिपोर्ट दे रहा है इस रिपोर्ट पर झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे हैं जिससे गरीब जनता की लिवर किडनी खराब हो रही हैं। वह अपना एसआरएल लैब का सेंटर बता कर लैब संचालक गरीब जनता की आंखों में धूल झोंक रहा है जबकि इस पैथोलॉजी लैब संचालक के पास न तो विभागीय
अनुमति है और न ही यहां जांच के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी ही मौजूद हैं। नियमानुसार पैथोलॉजी संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग की अनुमति तथा प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन व सुविधाएं होना आवश्यक है। यहां नियम कायदों को ताक पर रखकर लैब संचालित हो रही है। इन दिनों चल रहे मलेरिया, चिकनगुनिया सीजन में अधिकांश चिकित्सक बुखार आदि के संदिग्ध मामलों में मरीजों की जांच करा रहें हैं। इसके बाद भी मरीज को सही रिपोर्ट मिल सकेगी इसकी कोई गांरटी नहीं है। क्षेत्र में पैथोलॉजी लैब व अस्पतालों में कराए गए परीक्षण की रिपोर्ट में भिन्नता भी मिली है। गौरतलब है कि रोगी की जांच के बाद लैब रिपोर्ट के अनुसार ही चिकित्सा शुरू कर दवाइयां आदि दी जाती है। ऐसे में जांच रिपोर्ट महत्वपूर्ण होती है। गलत जांच रिपोर्ट होने से मरीज की जान को खतरा भी हो सकता है। कस्बे के आसपास झोलाछाप डॉक्टरों से सेटिंग बना रखी है वह 50 प्रतिशत कमीशन लेकर ब्लड सैंपल भेजते है।
मुख्यमंत्री ने दिए थे अवैध पैथोलॉजी संचालकों पर कार्रवाई आदेश
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों और सीएमओ व उपजिलाधिकारी को आदेश देते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी झोलाछाप डाक्टर फर्जी लैब का संचालन नहीं हो चाहिए। कहा गया है कि प्रदेश में बड़े स्तर पर व्यापक रूप से अभियान चलाकर अवैध पैथोलॉजी लैब,क्लीनिक को सील किया जाएं व अवैध डाक्टरों को सीधा जेल में पहुंचाए जाए, अभियान दिन ही नहीं रात में भी बड़े स्तर पर चलाया जाए। जिसकी शुरुआत अक्टूबर महीने से शुरुआत हो चुकी है।
सीएमओ डॉक्टर रामेश्वर मिश्रा से इस संबंध में फोन से जानकारी लेनी चाहिए मगर मीटिंग में होने की बजह से संपर्क नहीं हो सका।