मण्डलीय फैसीलिटेशन काउंसिल की हुई बैठक..

काउंसिल द्वारा कंसिलियेशन में 3 इकाई के लम्बित रुपये 24,68,194 के भुगतान पर आपसी सहमति से भुगतान किये जाने की बनी सहमति..

आर्बीट्रेशन के अन्तर्गत 04 प्रकरण लंबित भुगतान रुपये 57,75,402 अवार्ड किये गये रक्षित

बरेली, 30 सितम्बर। मंडलायुक्त की अध्यक्षता में आज फैसीलिटेशन काउंसिल की बैठक कमिश्नरी सभागार में हुई।

काउंसिल के समक्ष कंसिलियेशन के 68 केस जिसमें कुल रूपये 3,87,55,912 एवं आर्बीट्रेशन के 06 कसेज जिनमे कुल रूपये 62,29,193 भुगतान हेतु लम्बित हैं, पर सुनवाई की गयी। कंसिलिएशन के अन्तर्गत 3 इकाई के लम्बित भुगतान रूपये 24,68,194 पर आपसी सहमति से भुगतान किये जाने की सहमति बनी एवं 19 प्रकरणों में आपसी सहमति से निस्तारण न हो पाने के कारण प्रकरणों का निस्तारण आर्बीट्रेशन के माध्यम से कराये जाने हेतु रक्षित किया गया। आर्बीट्रेशन के अन्तर्गत आर्बीट्रेशन के अन्तर्गत 04 प्रकरण लंबित भुगतान रूपये 57,75,402 अवार्ड हेतु रक्षित किये गये।

कंसिलिएशन की बैठक में वादी एवं प्रतिवादी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी प्रतिभाग करने का अवसर प्रदान किया गया।

कितने रुपए पर कितना शुल्क है निर्धारित..

जिसमें पांच लाख के केस तक तीन हजार रुपए, 5.10 लाख के केस में पांच हजार रुपए, 10.50 लाख तक के केस में 10 हजार रुपए, 50.100 लाख तक के केस में 15 हजार, 1 करोड़ से 5 करोड़ तक के केस में 25 हजार एवं 5 करोड़ से अधिक के केस में 50 हजार शुल्क निर्धारण किया गया है। शुल्क जमा करने के लिए फैसीलिटेशन काउंसिल बरेली के नाम से खाता हैँ जिसका संचालन काउंसिल के अध्यक्ष एवं सचिव करते हैँ ।

फैसीलिटेशन काउंसिल कैसे करती हैँ कार्य..

फैसीलिटेशन काउंसिल में ऑनलाइन और ऑफलाइन प्राप्त सभी आवेदनों का परीक्षण काउंसिल करती हैँ । प्रपत्र देखने के बाद कमियों के संदर्भ में आवेदक को ई-मेल से अवगत कराया जाता हैँ । कांउसिल में प्राप्त आवेदन पत्रों को सर्वप्रथम क्रेता व विक्रेता को आपसी सुलह से निस्तारण कराने के लिये काउंसिल अनुरोध करती हैँ । आपसी सुलह न होने की स्थिति में केस काउंसिल में पैरवी के लिए रखे जाते हैँ । पूर्व काउंसिल के निर्णयों और कार्यवाहियों में अधिनियम के प्रावधानों के अनुरुप करने के लिए एक विशेषज्ञ चार्टर्ड एकाउन्टेंट को अधिकृत किया हैँ जो प्राप्त आवेदन का परीक्षण कर काउंसिल में उसकी पैरवी के लिए रखते हैँ ।

सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विकास (एमएसएमईडी) अधिनियम में विक्रय किये उत्पाद व माल या सेवा पर क्रेता से भुगतान को लेकर दिक्कतें होने पर ही मामला काउंसिल के पास जाता है। क्रेता एवं विक्रेता के मध्य होने वाले विवादों को निपटाने के लिये मंडल स्तर पर फैसीलिटेशन काउसिंल का गठन किया गया है। फैसीलिटेशन काउंसिल ऐसे मामलों के समाधान के लिए मध्यस्थता एवं सुलह कराती है और पक्षकारों के बीच सुलह न होने की स्थिति में आदेश निर्गत करने के लिए अधिकृत हैं।