विभाग के जिम्मेदार बता रहे हैं झोलाछापों को कार्रवाई से बचने का नया तरीका
बदायूं। जिले की प्रत्येक सीएचसी पर झोलाछाप के नोडल अधिकारी बनाए गए हैं मगर झोलाछापों को बचाने के लिए हर तरीके के दांव पेंच खेले जा रहे हैं जिले में नोटिस के नाम पर वसूली का “धंधा ” चल रहा है। मरीजों की जान दांव पर लगाने वाले झोलाछाप को कार्रवाई के नाम पर नोटिस तो दिए जाते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं की जाती। कहीं तो उनसे वसूली करने के बाद नोटिस भी नही दिया जाता हैं। झोलाछाप के नोडल और बाबू झोलाछाप को बचने के लिए कोई नया तरीका बता देते हैं। जिसकी वजह से झोलाछाप बेखौफ होकर अपना क्लीनिक चलाते हैं बिना रजिस्ट्रेशन नर्सिंग होम झोलाछाप के मामले में शासन स्तर से पहले से ही जांच चल रही है। फिर भी विभाग की सुस्ती दिख रही है।
सूत्रों बताते हैं कि फिलहाल में ही सीएमओ ऑफिस के दो बाबू झोलाछाप डॉक्टरों पर छापा मारने के लिए गए थे जहां पर कुछ को नोटिस दिए कुछ से ऐसे ही वसूली कर चले आए। कुछ समय पूर्व सीएचसी दहगवां, सहसवान,बिसौली सदर तहसील क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टरों को 200 से ज्यादा झोलाछाप को नोटिस दिए गए थे। सदर तहसील क्षेत्र में झोलाछापों को अभी तक 47 नोटिस दिए गए हैं फिलहाल अभी तक किसी झोलाछाप का कार्रवाई नहीं हुई है। इतना ही नहीं झोलाछापों को नोटिस जारी करने वाले सीएचसी प्रभारी को भी नहीं पता कि कितने झोलाछापों को नोटिस दिया गया था और अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई इससे अनजान हैं। गांव-देहात की बात छोड़ दें तो नगर क्षेत्र में भी झोलाछाप की कोई कमी नहीं है। कस्बा बिसौली में चर्चा बनी हुई हैं कि नोटिस देने के बाद हर बार की तरह इस बार भी सीएमओ ऑफिस के दो बाबूओं ने खेल कर दिया कुछ को नोटिस किसी वसूली कर किसी को कार्रवाई से बचने का नया तरीका बता दिया। इसी के चलते कार्रवाई नहीं की जा रही। कुछ झोलाछाप को बचने का मौका भी दिया जा रहा है।
सीएमओ डॉ रामेश्वर मिश्रा से इस संबंध में फोन से बात की तो फोन किसी अन्य व्यक्ति ने उठाया।
झोलाछाप नोडल अधिकारी डॉ प्रशांत त्यागी सीएचसी सहसवान ने बताया कि झोलाछापों को नोटिस दिए जा रहे है। अभी मलेरिया का काम चल रहा है। कितने झोलाछापों को नोटिस दिया इस पर जवाब स्पष्ट नहीं दिया।