निःक्षय दिवस का उद्देश्य मरीजों की जल्द पहचान कर प्रमुखता से इलाज, सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना: डॉ विनेश

बदायूँ ।भारत वर्ष को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के उद्देश्य से प्रत्येक माह की 15 तारीख को नि:क्षय दिवस मनाया जाता है इस बार भी टीबी की बीमारी के साथ-साथ फाइलेरिया, कुष्ठ और कालाजार के संभावित मरीजों को भी खोजा जाएगा लक्षण वाले मरीजों को आशा कार्यकर्ता के माध्यम से उप केंद्र तक पहुंचाया जाएगा बलगम की जांच करने के उपरांत क्षय रोग निकलने पर इनका उपचार शुरू हो सके। जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ विनेश कुमार ने बताया कि इस माह का एकीकृत नि:क्षय दिवस 15 फरवरी को मनाया जाएगा इस दिवस का उद्देश्य टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान गुणवत्ता पूर्ण इलाज और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना है अब इस कार्यक्रम में फाइलेरिया, कुष्ठ और कालाजार को भी जोड़ा गया है अब इन बीमारियों के मरीजों की स्क्रीनिंग करके उन्हें भी खोजा जायेगा। उन्होंने बताया कि एकीकृत नि:क्षय दिवस से पहले आशा कार्यकर्ता घर घर जाकर टीबी के लक्षणों के बारे में और नि:क्षय दिवस के आयोजन के बारे में समुदाय को जागरूक करेंगी
सीएचओ मरीजों की एचआईवी, डायबिटीज और अन्य जांच कराएंगे इसके अलावा बलगम का नमूना लिया जाएगा। और उसे निक्षय पोर्टल पर निक्षय आईडी बनाते हुए नज़दीकी टीबी जांच केंद्र पर भेजा जाएगा जिला क्षय रोग अधिकारी एवं जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया की 15 फरवरी को होने वाले एकीकृत नि:क्षय दिवस में फाइलेरिया, कुष्ठ और कालाजार के मरीजों को भी चिन्हित करेंगे। फाइलेरिया और कुष्ठ के लक्षणों वाले मरीजों को आशा कार्यकर्ता के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्र पर लाया जाएगा ताकि इनका सुचारु रूप से उपचार शुरू हो सके।

टीबी रोग होने पर मरीज में दिखते है लक्षण

दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी होना
दो सप्ताह या अधिक समय से बुखार आना
वजन में कमी आना व भूख ना लगना
बलगम में खून आना

कुष्ठ रोगियों में इस तरह मिलते है लक्षण
शरीर पर सुन्नी दाग
हथेलिया, पैर, आंख में कमज़ोरी व विकृति होना
घाव जिसमें दर्द ना हो
चेहरे शरीर या कान पर गांठे छाले घाव
फाइलेरिया के लक्षण……..
पुरुषों के अंडकोष और महिलाओं के स्तन के आकार में परिवर्तन
सर्दी देकर तेज बुखार आना
हाथ पैर में सूजन और तेज दर्द होना इत्यादि लक्षण हैं।
इसके मॉनिटरिंग एवं सुपरविजन हेतु मुख्य सीएमओ द्वारा सभी सीएचसी पीएचसी पर एसीएमओ डिप्टी सीएमओ को ड्यूटी लगाई गई है जो शाम को मुख्य चिकित्सा अधिकारी को आकलन करके देंगे तत्पश्चात ई कवच के माध्यम से शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।